हैदराबाद : केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सुनिश्चित करना केंद्र और राज्यों की संयुक्त जिम्मेदारी है कि हमारी भावी पीढ़ी को सर्वोत्तम शिक्षा मिले और कोई भी बच्चा अच्छी शिक्षा से वंचित न रहे। राजनाथ यहां डीआरडीओ एवं अन्य द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह ‘विज्ञान वैभव-2025’ को संबोधित कर रहे थे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि नयी शिक्षा नीति (एनईपी) ने फील्ड वर्क, प्रैक्टिकल और अनुसंधान जैसे गतिशील तत्वों को शामिल करके हमारी शिक्षा प्रणाली की प्रकृति को बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने यही कहा था: शिक्षा का सार तथ्यों को एकत्रित करना नहीं, बल्कि मन की एकाग्रता है। उन्होंने कहा, ‘मैं यह भी जानता हूं कि भारतीय संविधान के अंतर्गत शिक्षा एक समवर्ती विषय है। यह केंद्र और राज्यों की संयुक्त जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि हमारी भावी पीढ़ी को सर्वोत्तम शिक्षा मिले, कोई भी बच्चा अच्छी शिक्षा से वंचित न रहे और आने वाली पीढ़ियां न केवल भविष्य के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी (प्रतिस्पर्धा के लिए) तैयार हों।’ उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को भविष्य और वैश्विक स्तर पर तैयार करना एक संयुक्त प्रयास, एक राष्ट्रीय प्रयास होना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस एक ऐसा अवसर है, जो न केवल वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का स्मरण कराता है बल्कि युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय विकास के लिए विज्ञान और नवाचार अपनाने के लिए प्रोत्साहित भी करता है। उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की गति धीमी थी और उन परिस्थितियों में यह समझा गया कि आर्थिक विकास में सुधार के लिए विज्ञान ही आगे का रास्ता है, जो एक स्व-उत्पादक अर्थव्यवस्था और उद्योग के साथ-साथ कृषि के लिए भी आवश्यक है। राजनाथ ने यह भी कहा कि विज्ञान के अनुप्रयोग से भारत में कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भरता आई है।