नई दिल्ली: आज संसद हमले के पूरे 20 साल हो चुके हैं। 13 दिसंबर 2001 को आज ही के दिन 5 आतंकियों ने सदन पर हमला कर दिया था। उस दिन संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था। भवन में लालकृष्ण आडवाणी समेत 100 से ज्यादा लोग मौजूद थे। तभी सफेद एंबेसडर कार में आए 5 आतंकियों ने संसद भवन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। देश उन जवानों और लोगों को याद कर रहा है जो इस हमले में शहीद हुए थे। इस हमले में पुलिस के 6 जवान शहीद हुए थे। इस हमले से ठीक 3 महीने पहले अमेरिका में 9/11 आतंकवादी हमला किया गया था।
आतंकियों के हमले में 9 लोगों की हुई थी मौत
संसद हमले का मास्टरमाइंड मोहम्मद अफजल गुरु था। उसके साथ एसए आर गिलानी और शौकत हुसैन था। इसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भी था। 9 फरवरी 2013 को अफजल को हमले के 12 साल बाद फांसी दी गई थी। हालांकि, दो अन्य को बाद में बरी कर दिया गया। इस हमले में सबसे पहले कमलेश कुमारी यादव शहीद हुई थीं। दरअसल, कमलेश को मारने के बाद आतंकी अंधाधुंध फायरिंग करते हुए आगे बढ़ गए थे। आतंकी कार्रवाई लगभग 30 मिनट तक चली थी, जिसमें कुल नौ लोग मारे गए और अन्य 18 घायल हुए। उसी बीच सुरक्षा बलों ने सभी पांचों आतंकियों को पार्लियामेंट बिल्डिंग के बाहर ही ढेर कर दिया।
हमला शुरू होने के बाद भवन के दरवाजे किए बंद
एक अधिकारी के मुताबिक, "हमला शुरू होने के तुरंत बाद वॉच एंड वार्ड के कर्मचारियों ने संसद भवन के सभी दरवाजे बंद कर दिए। इस तरह आतंकवादियों को अंदर प्रवेश करने से रोक दिया गया।' अप्रैल 2009 में वॉच एंड वार्ड का नाम बदलकर पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस कर दिया गया।
बलिदान जवानों को किया गया याद
शहीदों को याद करते हुए देश के राष्टपति रामनाथ कोविंद ने कहा, "मैं उन बहादुर सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने 2001 में आज ही के दिन आतंकवादी हमले के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए राष्ट्र सदैव उनका आभारी रहेगा।" वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "भारतीय लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए आतंकी हमले में राष्ट्र के गौरव की रक्षा हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सुरक्षाबलों के साहस व शौर्य को नमन करता हूं। आपका अद्वितीय पराक्रम व अमर बलिदान सदैव हमें राष्ट्रसेवा हेतु प्रेरित करता रहेगा।" केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीदों को याद करते हुए कहा, "2001 में संसद भवन पर हुए हमले के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले उन बहादुर सुरक्षाकर्मियों को मेरी श्रद्धांजलि। राष्ट्र उनके साहस और कर्तव्य के प्रति सर्वोच्च बलिदान के लिए आभारी रहेगा।" PM Modi ने शहीदों को नमन करते हुए और उस घटना को याद करते हुए कहा, "मैं उन सभी सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जो 2001 में संसद में हुए हमले में अपने कर्तव्य के दौरान शहीद हुए थे। राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और सर्वोच्च बलिदान हर नागरिक को प्रेरित करता है।"