नई दिल्ली : राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के एक ताजा बयान को लेकर मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कुछ भी कहा है वह देश के संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप है और राष्ट्रीय हित से प्रेरित है। इससे पहले, धनखड़ ने कहा कि संवैधानिक प्राधिकारी द्वारा बोला गया प्रत्येक शब्द सर्वोच्च राष्ट्रहित से प्रेरित होता है।
राज्यसभा के सभापति की इस टिप्पणी को लेकर निर्दलीय सांसद सिब्बल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘ सुप्रीम कोर्ट : संसद के पास कानून पारित करने का पूर्ण अधिकार है, सुप्रीम कोर्ट का दायित्व है कि वह संविधान की व्याख्या करे और पूर्ण न्याय करे (अनुच्छेद 142)।’ उन्होंने कहा, ‘कोर्ट ने जो कुछ भी कहा है वह हमारे संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप है, राष्ट्रीय हित से प्रेरित है।’ वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना है कि कानून के हिसाब से न संसद न कार्यपालिका सर्वोच्च है, बल्कि संविधान सर्वोच्च है तथा संविधान के प्रावधानों की व्याख्या सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जाती है। सिब्बल ने कहा कि देश में कानून को लेकर अब तक यही समझ रही है।