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भारत में साल का आखिरी सूर्यास्त और इस देश में हुआ 2026 का आगाज

दुनिया में सबसे आखिर में नया साल अमेरिका के हाउलैंड आइलैंड और बेकर आइलैंड में मनाया जाता है

नई दिल्ली: जैसे-जैसे 2025 का आखिरी सूरज भारत के कुछ हिस्सों जैसे पुरी और जलपाईगुड़ी में डूब रहा था, वहीं दुनिया के दूसरी तरफ न्यूजीलैंड के ऑकलैंड शहर ने नए साल 2026 का जोरदार स्वागत किया।

प्रशांत महासागर में स्थित देशों में किरिबाती पहला देश बना जिसने 2026 का स्वागत किया। ये इलाका UTC+14 टाइम जोन में आता है। जो दुनिया का सबसे आगे चलने वाला समय क्षेत्र है। जैसे ही यहां 1 जनवरी की शुरुआत होती है. पूरी दुनिया के बाकी हिस्सों में अभी 31 दिसंबर ही होता है।

भारतीय समयानुसार दोपहर साढ़े तीन बजे वहां नए साल का जश्न मनाया जाता है. बताया जाता है कि किरिबाती सरकार ने जानबूझकर ये टाइम जोन चुना था। ताकि देश के सभी द्वीप एक ही दिन में रहें और इसी वजह से ये देश सबसे पहले न्यू ईयर मनाने के लिए मशहूर हो गया।

किरिबाती के बाद न्यूजीलैंड और फिर ऑस्ट्रेलिया में नया साल मनाया जाता है। ऑकलैंड की प्रसिद्ध स्काई टावर से छोड़ी गई आतिशबाजी ने पूरे शहर को रोशनी से भर दिया। बारिश के बावजूद हजारों लोग जश्न में शामिल हुए और नए साल की उमंग के साथ खुशियां मनाईं। न्यूजीलैंड में भारतीय समयानुसार दोपहर साढ़े चार बजे और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समयानुसार साढ़े छह बजे नए साल का जश्न मनेगा।

न्यूजीलैंड के चाथम आइलैंड्स और अन्य प्रशांत द्वीप जैसे सामोआ और टोंगा भी जल्द ही 2026 में शामिल हो गए। यह जश्न दुनिया भर में फैलता हुआ आगे बढ़ेगा – ऑस्ट्रेलिया, एशिया, मध्य पूर्व, यूरोप, अफ्रीका और अंत में अमेरिका तक। हर देश में नए साल की परंपराएं अलग-अलग हैं, जैसे स्पेन में 12 अंगूर खाना, जापान में मंदिरों की घंटियां बजाना या ब्राजील में सफेद कपड़े पहनकर समुद्र में फूल चढ़ाना।

दुनिया में सबसे आखिर में नया साल अमेरिका के हाउलैंड आइलैंड और बेकर आइलैंड में मनाया जाता है। ये द्वीप UTC-12 टाइम जोन में आते हैं। हालांकि यहां कोई स्थायी आबादी नहीं रहती, इसलिए आमतौर पर लोगों के बीच अमेरिकन समोआ को सबसे आखिर में न्यू ईयर मनाने वाली आबादी वाली जगह माना जाता है।

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