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तमिलनाडु, त्रिपुरा, दिल्ली प्रौढ़ साक्षरता में शीर्ष राज्यों में शामिल

इस मामले में उत्तराखंड, गुजरात और हिमाचल प्रदेश पिछड़ रहे हैं

नई दिल्ली : दिल्ली, त्रिपुरा और तमिलनाडु प्रौढ़ साक्षरता और शिक्षा से संबंधित चुनौतियों से निपटने में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हैं जबकि उत्तराखंड, गुजरात और हिमाचल प्रदेश पिछड़ रहे हैं।

बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक मूल्यांकन परीक्षण (एफएलएनएटी) के परिणामों से यह जानकारी मिली है। एफएलएनएटी एक राष्ट्रव्यापी मूल्यांकन है। राज्य और केंद्रशासित प्रदेश निरक्षर आबादी की पहचान करते हैं, उन्हें प्रशिक्षित करते हैं और फिर उनका परीक्षण और प्रमाणन करते हैं ताकि उन्हें निरक्षरता की श्रेणी से बाहर लाया जा सके। मूल्यांकन में तीन विषय शामिल हैं - पढ़ना, लिखना और अंकगणित। प्रत्येक विषय 50 अंकों का है, कुल 150 अंक होते हैं। यह परीक्षण पंजीकृत निरक्षर शिक्षार्थियों के बुनियादी साक्षरता और अंकगणित कौशल का मूल्यांकन करने के लिए विकसित किया गया है।

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) द्वारा संकलित और घोषित किये गये आंकड़ों से पता चलता है कि तमिलनाडु ने 100 प्रतिशत सफलता दर दर्ज की, जहां एफएलएनएटी के लिए उपस्थित सभी 5,09,694 शिक्षार्थियों को प्रमाणित किया गया। इसी तरह त्रिपुरा में 14,179 शिक्षार्थियों में से 13,909 को जबकि दिल्ली में 7,959 उम्मीदवारों में से 7,901 को प्रमाणित किया गया है। इसके विपरीत उत्तराखंड में 85.7 प्रतिशत परीक्षार्थियों को प्रमाणित किया गया जबकि गुजरात में 87.1 प्रतिशत और हिमाचल प्रदेश में 88.3 प्रतिशत उम्मीदवारों को प्रमाणित किया गया।

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