नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) तथा दिव्यांगता श्रेणी के तहत आरक्षण का गलत लाभ उठाने की आरोपित, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर को दो मई को दिल्ली पुलिस के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने यह भी कहा कि अगली सुनवाई की तारीख 21 मई तक खेडकर के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में कोई ठोस जांच नहीं हुई है और दिल्ली पुलिस को जांच तेजी से पूरी करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने कहा कि खेडकर से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने उन्हें अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। खेडकर पर आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के लिए 2022 संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी देने का आरोप है। उन्होंने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों का खंडन किया है।