विशाखा, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : मैराथन सिर्फ रास्तों पर दौड़ते हुए शरीर का प्रयास नहीं, बल्कि भीतर जागते हौसलों की कहानी है। जब धावक सुबह की ठंडी हवा को चीरते हुए पहला कदम बढ़ाता है, तभी एक अनकही यात्रा शुरू हो जाती है। ऐसी यात्रा जहां पसीने का हर कतरा एक वादा बन जाता है, और हर किलोमीटर आत्म-विश्वास की नई परिभाषा लिखता है।
क्या है मैराथॉन का इतिहास ?
कोलकाता मैराथन, जिसे आधिकारिक तौर पर आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस कोलकाता फुल मैराथन कहा जाता है, पश्चिम बंगाल की सांस्कृतिक राजधानी कोलकाता में हर वर्ष उत्साह और ऊर्जा के साथ आयोजित की जाती है। 2008 में शुरू हुई यह दौड़ आज पूर्वी भारत की सबसे विशाल और प्रतिष्ठित मैराथनों में शुमार है। यह कोलकाता की एकमात्र पूर्ण मैराथन है, जो न सिर्फ धावकों की सहनशक्ति की परीक्षा लेती है बल्कि शहर की धड़कनों को भी तेज कर देती है। कोलकाता में मैराथन का इतिहास कई महत्वपूर्ण पड़ावों से होकर गुज़रा है।
2008 में शुरू हुई कोलकाता फुल मैराथॉन ने शहर में लंबी दौड़ की परंपरा को एक नई पहचान दी, जबकि टाटा स्टील कोलकाता 25K ने 2014 से हर वर्ष एक भव्य उत्सव की तरह धावकों को आकर्षित किया है। इसके साथ ही जेबीजी कोलकाता वर्ल्ड 10K और कोलकाता पुलिस सेफ ड्राइव, सेव लाइफ हाफ मैराथॉन जैसे आयोजन भी अपनी विशिष्ट छाप छोड़ते हैं, जो न केवल इतिहास का हिस्सा बन चुके हैं बल्कि शहर की दौड़ती संस्कृति को मजबूत भी करते हैं। आज कोलकाता केवल एक शहर नहीं, बल्कि भारत की उभरती हुई रनिंग कैपिटल बन चुका है, जहां स्थानीय धावक हों या अंतरराष्ट्रीय एथलीट—हर कोई इसकी ऊर्जा, इसके रास्तों और इसके जोश से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता।
दिसंबर 2025 की मैराथॉन:-
⦁ टाटा स्टील कोलकाता 25K: 21 दिसंबर 2025
⦁ पोर्टाथॉन: 7 दिसंबर 2025
⦁ हिंदुस्थान क्लब मिनी मैराथन: 28 दिसंबर 2025
⦁ नियॉन रन 21 किमी: 7 दिसंबर 2025, राजपुर-सोनारपुर में
मैराथॉन से होने वाले फायदे
मैराथॉन की तैयारी करना और उसे सफलतापूर्वक पूरा करना जीवन में अपार बदलाव लाता है—यह न सिर्फ हृदय को मजबूत करता है और वजन नियंत्रित रखने में मदद करता है, बल्कि मन में गहरी संतुष्टि, आत्मविश्वास और उपलब्धि की चमक भर देता है। साथ ही, यह आपको उन लोगों के समुदाय से जोड़ता है जो जुनून, ऊर्जा और सकारात्मकता से भरी दौड़ती दुनिया का हिस्सा बनना चाहते हैं।
• हृदय व फेफड़ों का बेहतर स्वास्थ्य: दौड़ने से हृदय मजबूत होता है, रक्त प्रवाह सुधरता है और ब्लड प्रेशर व कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं, जिससे स्ट्रोक और हृदय रोग का खतरा घटता है।
• वजन नियंत्रण: रनिंग अधिक कैलोरी जलाती है और स्वस्थ खान-पान के साथ मिलकर वजन कम करने और इसे संतुलित रखने में मदद करती है।
• हड्डियों व जोड़ों की मजबूती: नियमित, मध्यम रनिंग से जोड़ों का स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है और गठिया का जोखिम कम हो सकता है।
• रोगों का कम जोखिम: निरंतर दौड़ने से टाइप-2 डायबिटीज और कुछ प्रकार के कैंसर सहित कई बीमारियों का खतरा घटता है।
• लंबी आयु: नियमित धावकों में समय से पहले मृत्यु का जोखिम कम होता है और उनकी जीवन प्रत्याशा सामान्य लोगों की तुलना में अधिक हो सकती है।
• मजबूत मांसपेशियां और सहनशक्ति: मैराथन प्रशिक्षण कई प्रमुख मांसपेशी समूहों को सक्रिय करता है, जिससे ताकत और स्टैमिना बढ़ता है और रोज़मर्रा की गतिविधियां आसान हो जाती हैं।