नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार (13 दिसंबर) को हुई सुरक्षा चूक मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। सुरक्षा में चूक के लिए जिम्मेदार 7 लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा सेक्रेटेरियट ने गुरुवार को बड़ा एक्शन लेते हुए सभी सात लोगों को निलंबित करने का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि इसके अलावा भी कुछ लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि संसद में हुई सुरक्षा चूक मामले के बाद सिक्योरिटी अब और ज्यादा टाइट कर दी गई है। संसद में आने वालों को लेकर नियमों में बदलाव करते हुए इसे और कड़ा किया गया है।
एंट्री गेट पर सुरक्षा कड़ी
संसद की सुरक्षा उल्लंघन मामले को लेकर सरकार पूरी तरह अलर्ट है। यही वजह है कि लगातार एक्शन लिए जा रहे हैं और सिक्योरिटी को और ज्यादा मजबूत किया जा रहा है। इसके तहत अब संसद में प्रवेश करने वाले मकर गेट से अब सिर्फ सांसदों को ही एंट्री दी जा रही है। इसके अलावा कोई भी इस गेट संसद में प्रवेश नहीं कर पाएगा।
सांसदों के जूते और टोपी भी उतरवाए जा रहे
इसके अलावा संसद भवन में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के जूते उतरवाकर उनकी भी जांच की जा रही है। बता दें कि बीते दिन आरोपियों ने दशर्क दीर्घा से छलांग लगाकर अपने जूतों में से ही टियर गैस कंटेनर निकाला और उसे एक्टिवेट कर दिया था।
इसके अलावा सांसदों की टोपी को भी उतरवाया गया। इन टोपियों की भी जांच की जा रही है। संसद और इसके आस-पास के इलाके को अभेद्य किले के रूप में तब्दील कर दिया गया है। भारी पुलिस बल तो तैनात है ही साथ ही संसद भवन के आस-पास से गुजरने वाले वाहनों की भी सघन जांच की जा रही है।
स्मार्ट कार्ड और फेस रिकग्निशन सिस्टम से एंट्री
संसद की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोकसभा सचिवालय की ओर से सांसदों को नई बिल्डिंग तक पहुंचने के लिए अपने स्मार्ट कार्ड और फेस रिकग्निशन का इस्तेमाल करने को कहा जा रहा है।
सुरक्षा में सेंध को लेकर विपक्ष का विरोध
दूसरी तरफ सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्षी दलों की बैठक हुई। इस बैठक में सभी दलों ने संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले को गंभीरता से उठाने पर सहमति जताई। कांग्रेस के विपक्षी नेता अधीर रंजन ने केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, हमले पीछे बेरोजगारी को बड़ी वजह बताया। उन्होंने कहा कि अब आम जनता का गुस्सा संसद तक पहुंच गया है।
बता दें कि संसद सुरक्षा चूक मामले को लेकर विपक्ष के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से भी मिलेगा। इसके साथ ही सभी सांसदों ने दोनों सदनों में गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की है।