तिरुवनंतपुरम : केरल के मुख्य सचिव पद पर अपने पति डॉ. वी. वेणु की जगह लेने वाली शारदा मुरलीधरन ने रंग एवं लैंगिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और कहा कि यह आज भी समाज में मौजूद है।
शारदा ने रंग व लैंगिक भेदभाव का सामना किया, जिसके बाद उन्होंने इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज उठाई। लोगों का शरदा को समर्थन मिल रहा है। इस पोस्ट पर 1,000 से अधिक ‘रिएक्शन’ आए और कई लोगों ने टिप्पणियां कीं तथा सैकड़ों लोगों ने इसे साझा किया। शारदा मुरलीधरन ने ‘फेसबुक’ एक पोस्ट में बताया कि कैसे बचपन से ही उन्हें सांवले रंग के कारण कमतर महसूस होता था लेकिन उनके बच्चों ने उन्हें यह समझने में मदद की कि काला रंग भी ‘सुंदर’ होता है। शारदा ने कहा कि हाल ही में मुख्य सचिव के रूप में उनके कार्यकाल की तुलना किसी ने उनके पति के कार्यकाल से की, जिसने टिप्पणी की थी कि यह उतना ही काला है, जितना उनके पति के समय सफेद था।
आहत होकर में फेसबुक पर एक पोस्ट किया
शारदा ने इससे आहत होकर इस बारे में फेसबुक पर एक पोस्ट किया लेकिन बाद में इसे हटा दिया क्योंकि वह ‘प्रतिक्रियाओं की झड़ी से घबरा गई थीं। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि मैं इसे फिर से पोस्ट कर रही हूं, क्योंकि कुछ शुभचिंतकों ने कहा कि ऐसी चीजें हैं, जिन पर चर्चा की जानी चाहिए। मैं सहमत हूं। तो, एक बार फिर यहां पर चर्चा हो रही है।