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संजय सिंह ने राज्यसभा में चर्चा की मांग, 19 दिन में 16 बीएलओ की मौत का आरोप

सांसद संजय सिंह ने नोटिस देकर देशभर में चल रहे एसआईआर से जुड़े घोटालों और बीएलओ की लगातार हो रही मौतों पर तत्काल चर्चा की मांग की है।

दिल्ली : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोमवार को एक नोटिस देकर देशभर में चल रहे एसआईआर (विशेष सघन पुनरीक्षण) से जुड़े घोटालों और बीएलओ की लगातार हो रही मौतों पर तत्काल चर्चा की मांग की है। उनका कहना है कि मात्र 19 दिनों में एसआईआर के दबाव में काम कर रहे 16 बीएलओ की मौत हो चुकी है। काम का अत्यधिक बोझ, लगातार बढ़ता मानसिक तनाव और निलंबन का डर—इन मौतों की बड़ी वजह बताई जा रही है।

संजय सिंह ने कहा कि एसआईआर के दौरान मौजूदा मतदाताओं से नए दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, जिन्हें जुटाना आम लोगों के लिए बेहद कठिन है। फिर भी बिना कमियां दूर किए 12 राज्यों में जल्दबाजी में एसआईआर लागू कर दिया गया, जिससे बड़े पैमाने पर नागरिकों के मताधिकार छिनने का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने राज्यसभा से मांग की है कि एसआईआर पर तुरंत रोक लगाई जाए, मतदाता सूची को बहाल किया जाए और चुनाव आयोग की जवाबदेही तय हो।

संजय सिंह ने यह नोटिस राज्यसभा नियम 267 के तहत दिया है, जिसमें उन्होंने मतदाताओं के नाम मनमाने तरीके से हटाए जाने, बीएलओ की मौतों, मताधिकार से वंचित होने के खतरे और अनुच्छेद 14, 21 और 326 पर मंडराते गंभीर संकट पर विस्तृत चर्चा की मांग की है।

उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग द्वारा लागू किया गया एसआईआर चुनावी निष्पक्षता पर राष्ट्रीय स्तर का संकट बन गया है। मतदाता सूची को शुद्ध करने के नाम पर बड़े पैमाने पर अनुचित और अपारदर्शी तरीके से नाम हटाए जा रहे हैं। संजय सिंह ने विशेष रूप से बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां बिना उचित सत्यापन के 65 लाख वोटर्स के नाम काट दिए गए। कई विधानसभा क्षेत्रों में हटाए गए नामों की संख्या, पिछली बार के जीत-हार के अंतर से भी ज्यादा है। यह परिस्थिति प्रवासियों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्गों को लक्षित करके मताधिकार से वंचित किए जाने की आशंका पैदा करती है। उन्होंने कहा कि अपील का कोई प्रभावी तंत्र नहीं है और नाम हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह अपारदर्शी है, जो निष्पक्षता और उचित प्रक्रिया की पूरी विफलता को दिखाती है।

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