नई दिल्ली - 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ लेने के बाद से ही रूस-यूक्रेन जंग की चर्चाएं फिर से जोर पकड़ने लगी है। 24 जनवरी को रूस-यूक्रेन जंग को शुरू हुए पूरे तीन साल हो गए हैं। लेकिन, युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच सोशल मीडिया पर लोग ट्रंप के उस भाषण को याद कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके राष्ट्रपति बनने के महज 24 घंटे बाद ही वह युद्ध को रुकवा देंगे।
बीते दिन ट्रुथ सोशल पर एक लंबी पोस्ट में डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा था कि मैं रूस को नुकसान पहुंचाने के बारे में नहीं सोच रहा हूं। मैं रूसी लोगों से प्यार करता हूं। मैंने राष्ट्रपति पुतिन से हमेशा अच्छे रिश्ते बनाए रखे, बावजूद कि रेडिकल लेफ्ट रशिया का हंगामा खड़ा किया गया।
रूस की ट्रंप ने की सराहना
उन्होंने आगे लिखा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि रूस ने द्वितीय विश्व युद्ध जीतने में हमारी मदद की थी। इस दौरान उसने लगभग 60 लाख लोगों को भी गंवाया था। ये कहा जा रहा है कि अर्थव्यवस्था के संकट से जूझते रूस और राष्ट्रपति पुतिन को मैं बड़ी राहत दूंगा। मैं उनसे कहूंगा कि इस बेकार के जंग को बंद करो और समझौता कर लो, नहीं तो स्थिति और बद से बदतर होती जाएगी। अगर वो नहीं माने तो मेरे पास रूस पर भारी भरकम टैक्स और आयात शुल्क थोपने और रूसी सामानों पर प्रतिबंध लगाने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।
'रूस के पास जंग रोकना अंतिम विकल्प'
वे आगे लिखते हैं कि जब जंग शुरू हुआ तब अगर मैं राष्ट्रपति होता तो इस जंग को शुरू ही नहीं होने देता। हम इसे सीधे तरीके से कर सकते हैं या टेढ़े तरीके से, वैसे आसान तरीका हमेशा ही अच्छा होता है। समझौता करने का समय आ गया है और अधिक जानें नहीं जानी चाहिए। वैसे बताते चलें कि रूस-यूक्रेन जंग को लगभग 1100 दिन पूरे होने वाले हैं मतलब ये कि इस जंग को लगभग 3 साल हो गए हैं लेकिन जंग अब तक चल रहा है।
क्या पुतिन करेंगे ट्रंप से मुलाकात?
वैसे सोवियत संघ को बिखरे महज आठ साल हुए थे तभी व्लादिमीर पुतिन साल 2000 में 26 मार्च को रूस के राष्ट्रपति बन गए थे। तब पुतिन की उम्र 48 साल रही थी। अब पुतिन 73 साल के हो गए हैं और अब भी वे रूस के राष्ट्रपति हैं। हालांकि, अमेरिका में इस दौरान छह राष्ट्रपति बदल चुके हैं। गौर करने वाली बात ये है कि एक राष्ट्रपति के रूप में व्लादिमीर पुतिन पूरे 7 बार अमेरिका जा चुके हैं। लेकिन, इस बार का मामला थोड़ा अलग है।
अमेरिका के ऑफर पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन रूस अब वाशिंगटन से इस संबंध में पुष्टि का इंतजार कर रहा है। ये जानकारी क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने शुक्रवार को दी है। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप भी पुतिन से मिलने और यूक्रेन युद्ध पर बातचीत करने की इच्छा जता चुके हैं। पेस्कोव ने कहा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात कब होगी, फिलहाल यह कहना मुश्किल है।
हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट का ये मानना है कि दोनों नेताओं की मुलाकात भारत में हो सकती हैं। क्योंकि, भारत एक वैश्विक शक्ति है। साथ ही भारत रूस और अमेरिका के बीच बातचीत के लिए एक आदर्श मंच हो सकता है। दरअसल बीते दिनों ही यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के सहयोगी एंद्रिय येरमाक ने भी कहा था कि भारत न केवल क्षेत्रीय बल्कि एक वैश्विक नेता है और वह केवल सीजफायर कराने में ही नहीं बल्कि शांति कराने में अहम भूमिका निभा सकता है।