नई दिल्लीः सरकार ने शुक्रवार को संसद को बताया कि भारत में सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 2024 में 2.3 प्रतिशत बढ़कर 1.77 लाख से अधिक हो गई, जिसका अर्थ है कि हर दिन 485 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि फरवरी 2020 में सड़क सुरक्षा पर तीसरे वैश्विक मंत्री स्तरीय सम्मेलन में अपनाए गए ‘सड़क सुरक्षा पर स्टॉकहोम घोषणापत्र’ में 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और चोटों को 50 प्रतिशत तक कम करने का एक नया वैश्विक लक्ष्य रखा गया है।
कुल 4,80,583 सड़क हादसों की रिपोर्ट
गडकरी ने कहा, ‘‘राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से मिली जानकारी के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान देश में सभी श्रेणी की सड़कों पर दुर्घटना में मरने वालों की कुल संख्या 1,77,177 थी, जिसमें ईडीएआर पोर्टल से लिया गया पश्चिम बंगाल का डेटा भी शामिल है।’’
उन्होंने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान देश में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभाग ने कुल 4,80,583 सड़क हादसों की रिपोर्ट दी है, जिनमें 1,72,890 लोगों की जान गई और 4,62,825 लोग घायल हुए।
चीन से काफी अधिक दुर्घटना दर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘वर्ल्ड रोड स्टेटिस्टिक्स 2024’ के अनुसार, चीन में प्रति लाख आबादी पर सड़क दुर्घटनाओं में मौत की दर 4.3 और अमेरिका में 12.76 है, जबकि भारत में यह आंकड़ा 11.89 है।
गडकरी ने कहा कि सरकार ने सड़क सुरक्षा के मुद्दे को हल करने के लिए 4-‘ई’ यानी एजुकेशन (शिक्षा), इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन दोनों की), एनफोर्समेंट (प्रवर्तन) और इमरजेंसी केयर (आपातकालीन उपचार) पर आधारित एक बहुआयामी रणनीति बनाई है। उन्होंने कहा कि इसके अनुसार, देश में सड़क सुरक्षा के लिए कई पहल की गई हैं।