अमृतसर : बीएसएफ ने कहा है कि पाकिस्तान सीमा के पास पंजाब के तीन स्थानों पर सार्वजनिक रूप से झंडा उतारने की रस्म बुधवार से शुरू होगी। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद यह रस्म 2 सप्ताह तक सार्वजनिक रूप से नहीं हुई।
बीएसएफ के जालंधर मुख्यालय ‘पंजाब फ्रंटियर’ ने कहा कि समारोह मंगलवार से फिर से शुरू होगा, लेकिन यह केवल मीडियाकर्मियों के लिए खुला रहेगा। आम लोग बुधवार से समारोह में भाग ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का समय शाम छह बजे होगा। अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि अटारी, हुसैनीवाला और सादकी में शाम को रोजाना आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम 20 मई से पुन: शुरू हो जाएगा। समारोह की कुछ रस्मों में हालांकि कटौती की जाएगी क्योंकि बीएसएफ के जवान पाकिस्तान रेंजर्स से हाथ नहीं मिलाएंगे और झंडा उतारने की रस्म के दौरान द्वार नहीं खोले जाएंगे, जैसा कि पहले होता था। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बीएसएफ के जवान हर दिन रस्मों का पालन कर रहे थे।
बीएसएफ ने 8 मई को ‘सार्वजनिक सुरक्षा’ का हवाला देते हुए इन तीन स्थानों पर इस कार्यक्रम के लिए लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। यह निर्णय भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के एक दिन बाद लिया गया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के खिलाफ एक जवाबी सैन्य अभियान था। पहलगाम में 26 लोग मारे गए थे। हमले के कुछ दिनों बाद बीएसएफ ने घोषणा की थी कि सार्वजनिक समारोह आयोजित किया जाएगा, लेकिन सीमा द्वार खोले बिना और बीएसएफ तथा पाक रेंजर्स के बीच पारंपरिक हाथ मिलाने की रस्म नहीं होगी।
पाकिस्तान के वाघा के सामने अटारी (अमृतसर जिले) में, गंदा सिंह वाला के पार फिरोजपुर जिले के हुसैनीवाला और फाजिल्का जिले के सादकी में स्थित संयुक्त चौकियों पर बीएसएफ के जवान झंडा उतारने की रस्म संपन्न करते हैं और पाकिस्तान की तरफ इसी तरह की रस्म पाकिस्तानी रेंजर्स करते हैं।