मुंबई : महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई और राज्य के मध्य हिस्से के घाट क्षेत्रों सहित कोंकण के लिए मंगलवार को ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया, जहां 20 अगस्त तक अत्यधिक भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरि और पालघर जिलों के लिए बुधवार सुबह तक ‘रेड अलर्ट’ जारी रहेगा।
आईएमडी के अनुसार, कोंकण और मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में व्यापक बारिश होने का अनुमान है तथा कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। विभाग ने मराठवाड़ा में कुछ स्थानों पर मंगलवार और बुधवार को भारी वर्षा के साथ हल्की से लेकर व्यापक बारिश तथा राज्य के कुछ भागों में बिजली चमकने और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान जताया है। इसने कहा कि बारिश की गतिविधि एक दबाव क्षेत्र से जुड़ी है जो मंगलवार सुबह दक्षिण ओडिशा और छत्तीसगढ़ से होकर गुजरा और 12 घंटे के भीतर इसके कमजोर होकर कम दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील होने का पूर्वानुमान है। पूर्वानुमान के अनुसार, महाराष्ट्र में 21 अगस्त तक भारी बारिश जारी रहेगी, जिसकी तीव्रता कोंकण, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों और तटीय जिलों में सबसे अधिक रहने की संभावना है।
हवाई अड्डे पर परिचालन प्रभावित, आठ उड़ानों का मार्ग बदला
मुंबई में भारी बारिश के कारण मुंबई हवाई अड्डे पर मंगलवार को 8 उड़ानों का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया तथा कई उड़ानों में देरी हुई। विमानन कंपनी ने यात्रियों को लगातार बारिश के कारण उड़ानों में हो रही देरी के बारे में सूचित किया तथा कम दृश्यता की स्थिति में समय-समय पर सुरक्षा संबंधी प्रक्रियाएं लागू की गयीं। सूत्रों के अनुसार, विमानन कंपनी इंडिगो की 6 उड़ानें तथा स्पाइसजेट और एयर इंडिया की 1-1 उड़ान को सूरत, अहमदाबाद और हैदराबाद सहित निकटवर्ती हवाई अड्डों पर भेजा गया। सूत्रों ने बताया कि भारी बारिश के मद्देनजर कम दृश्यता वाली प्रक्रियाओं सहित एहतियाती उपाय लागू किए गए हैं और हवाईअड्डे का परिचालन किसी भी समय नहीं रोका गया। शहर में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश का दूसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। एअर इंडिया ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मुंबई में लगातार बारिश हो रही है, जिससे उड़ानों का निर्धारित समय प्रभावित हो सकता है। इंडिगो ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि लगातार बारिश और आंधी-तूफान मुंबई से विमानों के संचालन में देरी हो सकती है। विमानन कंपनी ने कहा, ‘अगर आप आज यात्रा कर रहे हैं तो हम आपको सलाह देते हैं कि हवाई अड्डे के लिए रवाना होने से पहले हमारी वेबसाइट या ऐप पर अपनी उड़ान की स्थिति जरूर जांच लें। कृपया अतिरिक्त यात्रा समय का भी ध्यान रखें, क्योंकि सड़क पर यातायात भी सामान्य से धीमा हो सकता है।’
6 लोगों की मौत, अगले 48 घंटे अहम : फडणवीस
महाराष्ट्र के कई जिलों में भारी बारिश के बीच पिछले कुछ दिनों में 6 लोगों की मौत हो गयी है और सैकड़ों लोग विस्थापित हुए हैं। मुंबई में मंगलवार को भी भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित रहा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आपदा प्रबंधन विभाग के साथ बाढ़ के हालात की समीक्षा की और कहा कि अगले 48 घंटे मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के लिए अहम होंगे और ये सभी हाई अलर्ट पर हैं। सोमवार रात भर भारी बारिश जारी रहने के कारण मुंबई के निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे उपनगरीय रेल सेवा प्रभावित हुई। इसके चलते बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया। भारी बारिश के कारण बॉम्बे हाई कोर्ट में अपराह्न 12.30 बजे तक ही कामकाज हुआ। आम तौर पर अदालत में कामकाज सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलता है। आईएमडी द्वारा जारी ‘रेड अलर्ट’ चेतावनी के मद्देनजर स्कूल और कॉलेज भी बंद कर दिए गए। उच्च शिक्षा निदेशालय ने कोंकण क्षेत्र के सभी कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया है, जो पालघर, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के संस्थानों पर लागू है। अधिकारियों के अनुसार, स्थानीय ट्रेन सेवाओं में देर हुई और सड़कें जलमग्न होने के कारण बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) उपक्रम की बस सेवाओं का मार्ग कुछ स्थानों पर परिवर्तित कर दिया गया। मध्य रेलवे ने भारी बारिश के बाद पटरियों के जलमग्न होने के कारण छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और कुर्ला स्टेशनों के बीच हार्बर लाइन पर अपनी लोकल ट्रेन सेवाएं निलंबित कर दीं। उसने बताया कि रेल पटरियों पर पानी भर जाने के कारण कुर्ला और सायन स्टेशन के बीच मुख्य लाइन पर भी सेवाएं निलंबित कर दी गयीं।
650 लोगों को बचाया गया
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यालय ने बताया कि शहर में मीठी नदी के उफान पर आने के कारण उपनगरीय मुंबई के कुर्ला से लगभग 350 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं, पिछले 2 दिनों में नांदेड़ जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों से 290 से अधिक लोगों को बचाया गया है और एसडीआरएफ और सेना को क्षेत्र में तैनात किया गया है। मुखेड-उदगीर रोड पर रात 1 बजकर 40 मिनट पर एक ऑटोरिक्शा और 1 कार में सवार 7 लोग बाढ़ में बह गए। एक अधिकारी ने बताया कि बचाव दल ने 3 पुरुषों को बचा लिया जबकि 1 पुरुष और 3 महिलाओं की तलाश जारी है।
नदियां उफान पर
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने संवाददाताओं से कहा कि लगातार बारिश से राज्य में लगभग 10 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गयी है। उन्होंने बताया कि बारिश कम होने के बाद नुकसान का आकलन शुरू किया जाएगा। गढ़चिरोली में सोमवार शाम से लगातार हो रही बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है और संपर्क टूट गया है। भामरागड तालुका के 50 से अधिक गांव पर्लकोटा नदी के उफान पर आने के बाद संपर्क से कटे हुए हैं, जिससे भामरागा-अल्लापल्ली राजमार्ग बंद करना पड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि कोडपे गांव का 19 वर्षीय एक युवक उफान पर आए नाले को पार करते समय उसमें बह गया। वाशिम जिले की प्रमुख नदियां लगातार चौथे दिन उफान पर हैं, जिससे हजारों हेक्टेयर खरीफ की फसल को नुकसान पहुंचा है।पश्चिमी महाराष्ट्र में, कोल्हापुर के राधानगरी बांध ने भारी जल आवक के बाद भोगवती नदी में 11,500 क्यूसेक पानी छोड़ा, जिससे इस मौसम में पंचगंगा नदी पांचवीं बार खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। अधिकारियों के अनुसार, भूस्खलन के कारण कोल्हापुर-रत्नागिरी राजमार्ग कई घंटों तक बंद रहा, जिससे यातायात बाधित रहा। इसी तरह, चंदोली बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से वारणा नदी का जलस्तर बढ़ गया है और कोल्हापुर के निचले इलाकों के गांवों को सतर्क कर दिया गया है। महाराष्ट्र जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख जलविद्युत उत्पादक जलाशय कोयना बांध ने मंगलवार को कोयना नदी में नियंत्रित मात्रा में पानी छोड़ना शुरू कर दिया है और सतारा जिले के कराड जैसे प्रमुख शहरों को नदियों के जल स्तर में संभावित वृद्धि के बारे में सतर्क कर दिया गया है। कोंकण में, रायगढ़ जिले के रोहा तालुका में सोमवार को 160 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई, और कुंडलिका और सावित्री नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि महाड और नागोठणे में भूस्खलन और गांवों के रास्तों में बाढ़ के कारण सड़क संपर्क बाधित हो गया है।