कोहिमा : नागालैंड में बीते कुछ दिनों से हो रही मूसलधार बारिश के कारण राज्यभर में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गयी, विमान सेवाएं स्थगित कर दी गयीं और राष्ट्रीय राजमार्ग-29 पर वाहनों की आवाजाही बाधित हुई है।
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि दीमापुर जिले के कई आवासीय इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया। इसी दौरान बिजली के करंट की चपेट में आकर एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गयी। अधिकारियों ने बताया कि ये घटनाएं बर्मा कैंप और कुडा गांव में हुईं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के चलते रनवे और पार्किंग क्षेत्र जलमग्न हो जाने के कारण रविवार को दीमापुर हवाई अड्डे पर सभी उड़ान सेवाएं पूरी तरह स्थगित कर दी गयीं। उन्होंने बताया कि इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस समेत कई उड़ानें रद्द की गयी हैं और यात्रियों को संबंधित एयरलाइनों से ही नवीनतम जानकारी लेने की सलाह दी गयी है। अधिकारियों के अनुसार, भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से दीमापुर को कोहिमा से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-29 भी प्रभावित हुआ है। राजमार्ग के कई हिस्सों पर मलबा जमा हो गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न हुई है और यात्रियों की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। दीमापुर, कोहिमा और निउलैंड जिले इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन जिलों में पुलों के जलमग्न होने, घरों, मछली पालन केंद्रों और धान के खेतों को व्यापक नुकसान की खबरें हैं। निउलैंड जिले में बाढ़ का असर 70 गांवों तक पहुंच गया है। दीमापुर के हाफ-नगर्जन इलाके में बाढ़ का जलस्तर तीन फुट तक पहुंच गया, जिससे लोगों को नौकाओं की सहायता से आवाजाही करनी पड़ी। जिला प्रशासन ने बताया कि राहत अभियान के तहत अब तक 52 लोगों को प्रभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। दीमापुर के उपायुक्त डॉ. तिनोजोंगशी चांग ने बताया, ‘रविवार रात के बाद से बारिश नहीं हुई है, जिससे जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है। हालांकि, आगामी दिनों में और बारिश होने की संभावना को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।’ उपायुक्त ने यह भी बताया कि स्थानीय प्रशासन और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सोमवार को एक समन्वय बैठक करेंगे, ताकि स्थिति का आकलन किया जा सके क्योंकि मौसम विभाग ने इस सप्ताह भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मानसून की बारिश लगातार जारी रहने के कारण राज्य प्रशासन और आपदा प्रबंधन एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वे बाढ़-संभावित क्षेत्रों से दूर रहें और सतर्कता बरतें।
असम में तीन जगह बाढ़ की गंभीर स्थिति
नयी दिल्ली से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, असम में नदियां उफान पर हैं, जिसके कारण तीन जगह बाढ़ की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गयी है, जबकि देशभर में कुल 19 स्थानों पर नदियों का पानी चेतावनी स्तर को पार कर गया है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा सोमवार को जारी दैनिक बाढ़ संबंधी बुलेटिन से यह जानकारी मिली।
असम में जिन तीन जगहों पर बाढ़ की गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई है उनमें गोलाघाट और नुमालीगढ़ (जहां से धनसिरी (दक्षिण) नदी गुजरती है) और शिवसागर (जहां दिखो नदी गुजरती है) शामिल हैं। कुल मिलाकर असम में सात नदियों का जल स्तर कई स्थानों पर चेतावनी के निशान को पार कर गया है। उत्तर प्रदेश में 4 जगह, बिहार और ओडिशा में 2-2 जगह और मध्य प्रदेश में एक जगह नदी का जल स्तर सामान्य से ऊपर बाढ़ की स्थिति में पहुंच गया है। बुलेटिन के अनुसार, कुल 19 जगह नदियों का जल स्तर चेतावनी के निशान से ऊपर है। उत्तर प्रदेश में घाघरा नदी एल्गिन पुल और अयोध्या में चेतावनी के निशान को पार कर गयी है, जबकि फर्रुखाबाद और बदायूं में गंगा नदी का जल चेतावनी स्तर को पार कर गया है। बिहार में बूढ़ी गंडक और कोसी नदियों का जलस्तर भी बढ़ने की सूचना है। अगले कुछ दिनों में पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है, जिससे बाढ़ की स्थिति और खराब हो सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने असम, मेघालय और मणिपुर के कुछ हिस्सों के लिए ‘रेड’ और ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है।