नयी दिल्ली : भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन से एक नवविवाहित दंपति की मौत हो गयी। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण 471 सड़कें अवरुद्ध हो गयीं हैं, विद्यालयों को बंद कर दिया गया है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जबकि महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में भारी बारिश के कारण जगह-जगह जल जमाव के कारण लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, दूसरी ओर कर्नाटक के तटीय इलाकों में भारी बरसात की संभावना जतायी गयी है।
हिमाचल प्रदेश के मौसम विभाग ने शिमला, कांगड़ा, चंबा, सिरमौर और मंडी सहित राज्य के 12 जिलों में से पांच में बहुत भारी से बेहद भारी बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। चंबा जिले में भारी बारिश के कारण सोमवार तड़के सुतांह गांव में एक मकान के ऊपर एक चट्टान गिर गयी, जिससे नवविवाहित दंपति की मौत हो गयी। उनकी पहचान सनी और पल्लू के रूप में की गयी है। अधिकारियों ने सोमवार सुबह घोषणा की कि भारी बारिश के बाद भूस्खलन और सड़कें अवरुद्ध होने के कारण राज्य के चार जिलों के कई उप-विभागों में स्कूल सोमवार को बंद रहेंगे। शिमला जिले के ठियोग, रोहड़ू, जुब्बल, चौपाल और कुमारसैन, मंडी जिले के थुनाग और करसोग, कुल्लू जिले के आनी और सिरमौर जिले के शिलाई में शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं। हालांकि, देरी से की गई घोषणा के कारण छात्रों और अभिभावकों को असुविधा हुई। हिमाचल प्रदेश आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, 471 प्रभावित सड़कों में सबसे अधिक 310 सड़कें मंडी जिले में हैं तथा 1,199 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर और 676 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। अधिकारियों ने कहा कि सड़क पर लगातार मलबा गिरने से राष्ट्रीय राजमार्ग 707 (हाटकोटी से पांवटा साहिब) सिरमौर जिले में शिलिया के पास बंद है, मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग 4-मील और 9-मील के पास अवरुद्ध है, जिससे वाहनों का आवागमन बाधित हो रहा है और पठानकोट-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग भी अवरुद्ध है। मंडी में थलोट के पास भूस्खलन में एक वाहन दब गया, जबकि चंबा जिले में नकरोड़-थल्ली पुल बह गया। शिमला में जुब्बड़हट्टी मार्ग बंद होने वाले कार्यालय जाने वाले लोग घंटों फंसे रहे। रविवार रात से राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। कांगड़ा में सबसे अधिक 147.4 मिमी बारिश हुई, उसके बाद नगरोटा सूरियां (127.4 मिमी), चुवाड़ी (118.3 मिमी), मंडी (112.4 मिमी), जोगिंदरनगर (100 मिमी), नाहन (95.7 मिमी) और पंडोह (86 मिमी) आदि में बारिश हुई। मानसून की 20 जून को शुरुआत के बाद से राज्य भर में बारिश से संबंधित घटनाओं में 72 लोगों की मौत हो गयी है और 34 लापता हैं। विभाग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में इस मानसून में 34 बार अचानक बाढ़, 22 बार बादल फटने और 21 बार भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जिससे लगभग 1,235 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मुंबई के कुछ इलाकों में जलभराव, यातायात प्रभावित
मुंबई में रविवार की रात भर हुई भारी बारिश के बाद कुछ निचले इलाकों में जलभराव से शहर में वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। नगर निकाय अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। मुंबई शहर में सुबह से बारिश की तीव्रता कम हुई है, लेकिन पूर्वी भागों और पूर्वी उपनगरों में भारी बारिश जारी है। रात भर हुई भारी बारिश के कारण शहर और उपनगरों के कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया। अंधेरी उपमार्ग (मुंबई के पश्चिमी भाग में) जल जमाव के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया। वाहन चालकों ने सुबह के व्यस्त समय में बारिश और अन्य कारणों से ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे दोनों पर यातायात की धीमी गति की शिकायत की। कुछ यात्रियों ने यह भी शिकायत की कि लोकल ट्रेन थोड़ी देरी से चल रही हैं। नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि सोमवार सुबह आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटों की अवधि में शहर में औसतन 23.45 मिमी बारिश दर्ज की गयी। पूर्वी उपनगरों में 36.42 मिमी और पश्चिमी उपनगरों में 50.02 मिमी बारिश हुई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटों के लिए मुंबई और उपनगरों में सामान्यतः बादल छाए रहने और मध्यम बारिश होने की संभावना जताई है। साथ ही कुछ स्थानों पर गरज के साथ बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने की भी संभावना है। नगर निकाय के एक अधिकारी के अनुसार, सुबह नौ बजकर 19 मिनट पर 3.91 मीटर की ऊंची लहरें उठने के बाद रात आठ बजकर 37 मिनट पर 3.38 मीटर ऊंची लहर आने की संभावना है। अपराह्न तीन बजकर तीन मिनट पर भी 2.28 मीटर ऊंची लहर उठने की संभावना है।
कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश का अनुमान
बेंगलुरु में क्षेत्रीय भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिलों के कुछ हिस्सों में अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान जताया। आईएमडी के अनुसार, उडुपी जिले के हंगालोरू में रविवार को सबसे अधिक 92 मिमी बारिश हुई, जबकि गडग जिले में 77.1 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो जुलाई में अब तक की तीसरी सबसे अधिक बारिश है। संबंधित क्षेत्र में 2005 में 89.7 मिमी और 2022 में 87.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। गडग में 29 सितंबर, 1960 को अब तक की सबसे अधिक 136.4 मिमी बारिश दर्ज की गयी थी। इसने कहा कि बेंगलुरु के ग्रेटर बेंगलुरु क्षेत्र में सोमवार को 4 से 10 मिमी के बीच बारिश होने की संभावना है। बेंगलुरु में रविवार को 6.5 मिमी बारिश हुई। उडुपी जिले के रेंजला (73.5 मिमी) और हकलाड़ी (70 मिमी) कर्नाटक के अन्य स्थान हैं जहां रविवार को 70 मिमी से अधिक बारिश हुई। मौसम विभाग ने कर्नाटक के बीदर, कलबुर्गी, रायचूर और यादगीर जिलों के कुछ हिस्सों में सोमवार को भारी बारिश का अनुमान जताया है। इसने कहा कि चिक्कमगलुरु, कोडागु, हसन, शिवमोगा, मांड्या, मैसूरु, चामराजनगर, बल्लारी, चिक्कबल्लापुरा, चित्रदुर्ग, दावणगेरे, कोलार और विजयनगर जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है।