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'मेरी देशभक्ति पर सवाल ?' Neeraj Chopra ने Arshad ‌को भारत बुलाने पर तोड़ी चुप्‍पी

नीरज चोपड़ा ने पाकिस्‍तान के अरशद नदीम को बेंगलुरु के एक इवेंट के लिए आमंत्रित किया था

नई दिल्‍ली - भारत के जेवलिन चैंपियन नीरज चोपड़ा ने आखिरकार मई 2025 में बेंगलुरु में होने वाले कार्यक्रम में पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम को बुलाने को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। चूंकि अरशद ने यह न्योता स्वीकार नहीं किया और इसी दौरान पहलगाम आतंकी हमला हुआ, नीरज को लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ा। ओलंपिक पदक विजेता नीरज को पाकिस्तानी खिलाड़ी को बुलाने के लिए तीखी प्रतिक्रियाएं झेलनी पड़ीं। हालांकि, नीरज चोपड़ा ने सफाई देते हुए कहा कि यह निमंत्रण आतंकी घटना से काफी पहले भेजा गया था। साथ ही उन्होंने खुद और अपने परिवार को निशाना बनाए जाने पर नाराजगी भी जताई।

नीरज चोपड़ा का पोस्‍ट

नीरज चोपड़ा ने अपने आधिकारिक एक्‍स अकाउंट पर पोस्‍ट किया, 'मैं आमतौर पर कम शब्‍द बोलने वाला हूं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं उसके खिलाफ कुछ नहीं बोलूं, जो मुझे लगता है कि गलत है। बड़ी बात कि देश के प्रति मेरे प्‍यार पर सवाल किया गया और मेरे परिवार की इज्‍जत व सम्‍मान पर निशाना साधा गया। नीरज चोपड़ा क्‍लासिक इवेंट में प्रतिस्‍पर्धा के लिए अरशद नदीम को आमंत्रित करने के मेरे फैसले के बारे में काफी बातें हुईं और इसमें ज्‍यादातर चिढ़ और अभद्र संदेश थे।'

उन्‍होंने आगे लिखा, 'उन्‍होंने मेरे परिवार को भी नहीं छोड़ा। अरशद को जो मैंने आमंत्रित किया, वो एक एथलीट से दूसरे एथलीट के लिए था। इससे ज्‍यादा या इससे कम कुछ भी नहीं। एनसी क्‍लासिक का लक्ष्‍य भारत में सर्वश्रेष्‍ठ एथलीट्स को लाना था और हमारे देश को विश्‍व स्‍तरीय खेल स्‍पर्धा का घर बनाना था। आमंत्रण सभी एथलीट्स को सोमवार को गया जो पहलगाम में आतंकी हमले से दो दिन पहले का समय था।'

मेरे नहीं बोलने का मतलब बात सच नहीं

नीरज चोपड़ा ने लिखा, 'मीडिया के कुछ वर्गों ने मेरे बारे में बहुत सारी झूठी कहानियां गढ़ी हैं, लेकिन सिर्फ इसलिए कि मैं नहीं बोलता, इसका मतलब यह नहीं है कि वे सच हैं। मुझे यह समझना भी मुश्किल लगता है कि लोग अपनी राय कैसे बदलते हैं। जब मेरी मां ने - अपनी सादगी में - एक साल पहले एक मासूम टिप्पणी की थी, तो उनके विचारों की प्रशंसा की गई थी।'

27 साल के नीरज ने लिखा, 'आज वही लोग उसी बयान के लिए उन पर निशाना साधने से पीछे नहीं हटे। इस बीच, मैं यह सुनिश्चित करने के लिए और भी अधिक मेहनत करूंगा कि दुनिया भारत को याद रखे और सभी सही कारणों से ईर्ष्या और सम्मान के साथ देखे। जय हिंद।'

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