माणा (उत्तराखंड) : भारत के सीमांत गांव माणा के केशव प्रयाग में 12 वर्ष बाद विधि-विधान के साथ पुष्कर कुंभ आंरभ हो गया है। बद्रीनाथ धाम आने वाले तीर्थयात्री केशव प्रयाग में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि माणा गांव के केशव प्रयाग पुष्कर कुंभ के लिए पैदल मार्ग का सुधारीकरण किया गया है, विभिन्न भाषाओं में साइन बोर्ड लगाए गए हैं। संगम तट पर एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती भी की गई है
माणा को भारत का आखिरी गांव कहा जाता है, ये भारत तिब्बत सीमा का गांव है। धार्मिक परंपरा के अनुसार जब 12 वर्षों में बृहस्पति ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश करता है, तो अलकनंदा और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित केशव प्रयाग में पुष्कर कुंभ लगता है। दक्षिण भारत के वैष्णव यहां विशेष रूप से स्नान करने आते हैं। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केशव प्रयाग का पुष्कर कुंभ दक्षिण भारत को उत्तर भारत से जोड़ता है। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केशव प्रयाग में महर्षि वेदव्यास ने तपस्या करते हुए महाभारत की रचना की थी। यह भी कहा जाता है कि दक्षिण भारत के महान आचार्य रामानुजाचार्य और माधवाचार्य ने यहीं पर माँ सरस्वती से ज्ञान प्राप्त किया था।