नयी दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनमें अपने पूर्ववर्तियों की तरह प्रेस के सीधे सवालों का सामना करने का साहस नहीं है। कांग्रेस ने साथ ही मणिपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा की घटनाएं फिर से सामने आने के बीच प्रधानमंत्री पर राज्य के लोगों की पीड़ा के प्रति ‘असंवेदनशील’ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मणिपुर के लोगों का दर्द, पीड़ा और लाचारी अब भी थमने का नाम नहीं ले रही है, पिछले 24 घंटे में राज्य के पांच जिले इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्वी, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर फिर से हिंसा की चपेट में आ चुके हैं। मणिपुर में अमन कायम करने में सरकार नाकाम रही है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर किये एक पोस्ट में कहा कि हर देश के शासनाध्यक्ष समय-समय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते ही हैं लेकिन हमारे प्रधानमंत्री को प्रेस के सीधे सवालों का सामना किए हुए 11 साल हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने मीडिया के साथ बातचीत को एक शो की तरह प्रोड्यूस, डायरेक्ट और स्क्रिप्ट किया जिसमें उन्होंने खुद को ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ बताने वाला चर्चित दावा भी किया था लेकिन अब तक उन्होंने कभी भी बिना एडिटिंग, बिना स्क्रिप्ट वाली एक भी असली प्रेस वार्ता करने का साहस नहीं दिखाया।
मणिपुर के लोगों के प्रति पीएम की ‘असंवेदनशीलता’ चौंकाने वाली
रमेश ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा कि मणिपुर के लोगों का दर्द, पीड़ा और लाचारी अब भी थमने का नाम नहीं ले रही है। फरवरी 2022 में विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अकेले अपने दम पर बहुमत हासिल किया लेकिन उस जनादेश के महज पंद्रह महीने बाद, 3 मई 2023 की रात से मणिपुर को जलने के लिए छोड़ दिया गया। कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री दुनियाभर की यात्राएं करते रहे हैं, देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर उद्घाटन करते रहे हैं लेकिन मणिपुर के किसी राजनीतिक प्रतिनिधि या नागरिक समाज संगठनों से उन्होंने कभी मुलाकात नहीं की। उन्होंने राज्य के मामलों के प्रबंधन का काम केंद्रीय गृहमंत्री को सौंपा, जो इसमें पूरी तरह विफल रहे हैं।