बेलगावी (कर्नाटक): जिस नाबालिग लड़की की शिकायत पर कर्नाटक के एक बस परिचालक (कंडक्टर) के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था, उसके परिवार ने सोमवार को एक वीडियो बयान जारी कर कहा कि उन्होंने मामला वापस लेने का फैसला किया है और इस मामले को तूल नहीं देने का अनुरोध किया है, जो कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच भाषा का मुद्दा बन गया है। एक यात्री को मराठी में जवाब नहीं देने पर कर्नाटक के स्वामित्व वाली परिवहन निगम की बस के कंडक्टर पर हमला करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बाद में, नाबालिग लड़की ने भी शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि बस कंडक्टर ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया, जिसके आधार पर कंडक्टर के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। महाराष्ट्र की सीमा से लगे बेलगावी जिला मुख्यालय के बाहरी इलाके में शुक्रवार को हुई यह घटना अब दोनों राज्यों के बीच तनाव का कारण बन गयी है।
परिवार द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए एक वीडियो में, एक महिला, जिसे लड़की की मां बताया जा रहा है, ने घटना को याद करते हुए कहा कि जब उसका बेटा और बेटी अस्पताल से बेलगावी से बालेकुंडरी आ रहे थे, तो बस टिकट के मुद्दे पर विवाद हुआ, जिसे गलत तरीके से कन्नड़ और मराठी का मुद्दा बताया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम कन्नड़ से भी प्यार करते हैं, इसमें कोई भेदभाव नहीं है। कन्नड़ और मराठी के नाम पर बेवजह झूठा प्रचार किया जा रहा है।’ महिला ने कहा कि परिवार इस बात से परेशान है कि कैसे इस घटना ने दोनों राज्यों के बीच तनाव पैदा कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘हम इस बात से परेशान हैं कि इस मुद्दे ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच दरार पैदा कर दी है। हमारे मन में कन्नड़ या मराठी के प्रति कोई भेदभाव नहीं है। हम भी कन्नडिगा हैं, हमारी भाषा मराठी हो सकती है।’ परिवार ने कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से मामला वापस लेने का फैसला किया है और सभी से अनुरोध किया है कि मामले को और तूल नहीं दिया जाए। महिला ने कहा, ‘हमारी बेटी के साथ अन्याय हुआ है। स्थिति को देखते हुए हम मामला वापस लेंगे। हम यह सब बंद करने का अनुरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि मामला वापस लेने के लिए किसी की ओर से कोई दबाव नहीं है। हम स्वेच्छा से मामला वापस ले रहे हैं।’ बस कंडक्टर के खिलाफ पॉक्सो का मामला वापस लिए जाने के सवाल पर बेलगावी पुलिस आयुक्त इयादा मार्टिन मारबानियांग ने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से वीडियो में दिया गया बयान मिला है, जिसमें लड़की के परिवार ने कहा है कि वे मामला वापस लेना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने इस संबंध में अभी तक पुलिस से संपर्क नहीं किया है।
उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले उन्हें (पीड़िता के परिवार को) पुलिस स्टेशन में आधिकारिक तौर पर बयान दर्ज कराना होगा। मामले को बंद करने के लिए कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। उनके बयान दर्ज होने के बाद ही यह किया जाएगा।’ इस बीच, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बस कंडक्टर की शिकायत पर मामला दर्ज करने में देरी के लिए मरीहाल पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक का तबादला कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि संबंधित निरीक्षक को देरी पर स्पष्टीकरण देने के लिए एक नोटिस भी जारी किया गया है और फिलहाल उसे आयुक्त कार्यालय में भेजा गया है। कंडक्टर के खिलाफ पॉक्सो मामले के बारे में गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने इसकी पुष्टि करने को कहा है। मैंने मामला दर्ज करने के कारणों की रिपोर्ट मांगी है।’ थाने के निरीक्षक के तबादले के बारे में उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में ऐसी चीजें होती रहती हैं।