दिल्ली : श्रीलंका इस समय चक्रवात ‘दित्वाह’ की भीषण मार झेल रहा है। तूफान और भारी बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई है और अब तक 334 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे संकट में भारत अपने पड़ोसी का साथ देते हुए बड़े पैमाने पर मदद भेज रहा है। ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत भारत लगातार राहत और बचाव सामग्री श्रीलंका पहुंचा रहा है।
इसी बीच पाकिस्तान ने गलत सूचना फैलाते हुए दावा किया कि उसने श्रीलंका के लिए मानवीय सहायता लेकर जा रही अपनी फ्लाइट को भारत के हवाई क्षेत्र से गुजरने की अनुमति मांगी थी, जिसे भारत ने नकार दिया। पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया ने इस फर्जी दावे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया।
हालांकि भारतीय अधिकारियों ने तुरंत सच सामने रख दिया। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान ने 1 दिसंबर को दोपहर 1 बजे भारतीय एयरस्पेस इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी और भारत ने मानवता के आधार पर उसी दिन शाम 5:30 बजे मंजूरी भी दे दी। भारत ने साफ कहा कि पाकिस्तान की मीडिया द्वारा फैलाए जा रहे आरोप पूरी तरह झूठे और भ्रामक हैं—खास बात यह है कि मंजूरी उस समय दी गई जब पाकिस्तान खुद भारतीय विमानों को अपने हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहा।
भारत लगातार श्रीलंका को सहायता भेज रहा है और अब तक 53 टन राहत सामग्री पहुंचाई जा चुकी है। भारतीय नौसेना और वायुसेना के जरिए दवाइयाँ, भोजन, तंबू, कंबल, सर्जिकल उपकरण और एनडीआरएफ की 80 सदस्यीय टीम श्रीलंका रवाना की गई है। भारत का संदेश साफ है—मुश्किल समय में राजनीति नहीं, मानवता सबसे ऊपर है।