देश/विदेश

‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी खत्म नहीं हुआ

अमेरिका से जैसे तहव्वुर राणा को लाया गया, उसी तरह पाक को हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी और साजिद मीर जैसे आतंकी भारत को सौंपे

नई दिल्ली : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान के दौरान भारतीय सेना ने अभूतपूर्व पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्तान में 100 किलोमीटर तक घुसकर न सिर्फ आतंकवादियों को ढेर किया, उनके परीक्षण शिविरों को नष्ट किया, बल्कि दुनिया के सामने उसके आतंकियों के पनाहगार होने के साक्ष्य भी सामने रखा। भारत के इजराइल में राजदूत जेपी सिंह ने इस बीच बड़ा बयान देते हुए कहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत का सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी केवल रुका हुआ है, खत्म नहीं हुआ। उन्होंने मांग की कि जैसे अमेरिका से तहव्वुर राणा को भारत लाया गया, उसी तरह पाकिस्तान को हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी और साजिद मीर जैसे आतंकवादी भारत को सौंपने चाहिए।

जहां आतंकी होंगे, मारे जाएंगे

उन्होंने इजरायली टीवी चैनल आई24 को दिए साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि अब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक नीति को अपना लिया है। राजदूत जेपी सिंह ने कहा, ‘हमारी नीति स्पष्ट है, आतंकवाद का खात्मा हमारी प्राथमिकता है। ऑपरेशन सिंदूर अभी विराम में है, लेकिन समाप्त नहीं हुआ। जब तक आतंकवादी और उनके ठिकाने बचे हैं, भारत उन पर कार्रवाई करता रहेगा।’

हाफिज, लखवी और मीर को सौंपे पाक

राजदूत जेपी सिंह ने अमेरिका द्वारा 26/11 के अभियुक्त तहव्वुर राणा को भारत को सौंपे जाने का उदाहरण सामने रखते हुए कहा, ‘पाकिस्तान को भी हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी और साजिद मीर को भारत को सौंपना चाहिए। हमने सबूत, डोज़ियर, तकनीकी जानकारियां साझा की हैं। फिर भी वैसे आतंकवादी सरेआम घूम रहे हैं।’

साजिद मीर और लखवी कौन हैं

साजिद मीर और जकीउर रहमान लखवी दोनों ही पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकी हैं। साजिद मीर 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों का मास्टर माइंड है। पाकिस्तान से आतंकवादी नौका के ज़रिए मुंबई पहुंचे थे। मीर ने खुद पाक से फोन पर उन्हें निर्देश दिए थे। अमेरिका और भारत के पास 26 नवंबर, 2008 हमले के संबंध में वॉयस रिकॉर्डिंग, कॉल डेटा और गवाहियां मौजूद हैं। जकीउर रहमान लखवी लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेशनल चीफ और 26/11 हमलों का मुख्य साजिशकर्ता है।

नूर खान एयरबेस पर हमला बना ‘गेम चेंजर’

जेपी सिंह ने कहा कि 10 मई को पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर भारत के हमले के बाद इस्लामाबाद में घबराहट मच गयी। राज्यपाल ने दावा किया, ‘पाकिस्तान के डीजीएमओ ने स्वयं भारत से संपर्क कर सीजफायर की मांग की।’ पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का कारण बताते हुए राज्यपाल ने कहा, ‘आतंकवादियों ने पीड़ितों से उनका धर्म पूछकर गोलियां चलाईं। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए।’ वहीं, सिंधु जल संधि को पाक द्वारा ‘युद्ध जैसा कृत्य’ बताए जाने पर राज्यपाल ने सख्त जवाब दिया, ‘हमने पानी बहने दिया और पाकिस्तान ने आतंक। प्रधानमंत्री मोदी साफ कह चुके हैं- ‘खून और पानी साथ में नहीं बह सकते। जब तक आतंक बहता रहेगा, सिंधु जल संधि निलंबित रहेगी।’

भारत-इजरायल खोले आतंक विरोधी मोर्चा

जेपी सिंह ने वैश्विक सहयोग की बात करते हुए कहा, ‘भारत और इजरायल जैसे देशों को मिलकर आतंक और आतंक को समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाना चाहिए।’ उन्होंने पाकिस्तान की ओर से पहलगाम हमले की जांच पेशकश को खारिज करते हुए कहा, ‘मुंबई, पठानकोट और पुलवामा की जांचों का क्या हुआ? कुछ नहीं। ये सिर्फ ध्यान भटकाने वाली पाक की चालें हैं।’

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