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ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने कोर्ट का रुख किया

याचिकाओं पर दो सप्ताह के लिए सुनवाई स्थगित

चेन्नई : ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने बुधवार को तमिलनाडु ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी (रियल मनी गेम्स) विनियम, 2025 के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित करने के अनुरोध के साथ मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया।
न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति के राजशेखर के खंडपीठ ने इन याचिकाओं पर दो सप्ताह के लिए सुनवाई स्थगित कर दी ताकि केंद्र एवं राज्य सरकारें जवाबी हलफनामा दाखिल कर सकें। खंडपीठ के समक्ष ‘हेड डिजिटल वर्क्स प्रा.लि.’ तथा दो अन्य कंपनियों की याचिकाएं सुनवाई के लिए आयी थीं। नयी दिल्ली स्थित ‘हेड डिजिटल वर्क्स प्रा.लि.’ नामक कंपनी भारत में ऑनलाइन गेम विकसित करने और उन्हें बाजार में लाने के व्यवसाय में है।

कंपनियों ने विनियमन चार (तृतीय) और विनियमन चार (अष्ठम) को चुनौती दी है। विनियम 4 (तृतीय) के तहत आधार के साथ प्रारंभिक ‘लॉगिन’ के लिए केवाईसी सत्यापन अनिवार्य होगा, जिसे आधार संख्या से जुड़े फोन नंबर पर भेजे गए ‘वन टाइम पासवर्ड’ (ओटीपी) के द्वितीय स्तर के सत्यापन द्वारा प्रमाणित किया जाएगा। विनियमन 4- चार (अष्ठम) के तहत ‘रियल मनी’ खेलों के लिए खाली घंटे नियम मध्यरात्रि 12 बजे से सुबह पांच बजे तक (भारतीय मानक समय के आधार पर) लागू किए जाएंगे। इन प्रतिबंधित अवधि के दौरान खेलों में लॉगिन करने की अनुमति नहीं होगी।

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