कोहिमा : नागालैंड में जलवायु अनुकूल अपलैंड फार्मिंग सिस्टम इन द नॉर्थईस्ट (फोकस) परियोजना सोमवार को आधिकारिक रूप से संपन्न हो गयी। इस परियोजना के तहत प्रमुख राज्य विभागों को परिसंपत्तियों का औपचारिक हस्तांतरण किया गया तथा समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए। यह परियोजना इसकी पहलों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नागालैंड के मुख्य सचिव तथा परियोजना संचालन समिति के अध्यक्ष डॉ. जे आलम, आईएएस की अध्यक्षता में सिविल सचिवालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कृषि, पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवाएं, मत्स्य पालन एवं जलीय संसाधन तथा सहकारिता विभागों के प्रतिनिधि हस्तांतरण एवं हस्ताक्षर समारोह में उपस्थित थे। फोकस-नागालैंड के प्रबंध निदेशक, आईएएस, एपीसी, वेजोपे केन्ये ने इस अवसर को मील का पत्थर बताया, जो 6 साल के कार्यान्वयन चरण के अंत का प्रतीक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चूंकि परिसंपत्तियां अब संबंधित विभागों की देख-रेख में हैं, इसलिए यह उन पर निर्भर है कि वे गति बनाए रखें तथा कृषक समुदायों की आवश्यकताओं की पूर्ति करना जारी रखें। उन्होंने कहा, ‘नींव रखी जा चुकी है। अब समय आ गया है कि विभाग इस पर काम करें।’ मुख्य सचिव आलम ने इस बात पर प्रकाश डाला कि फोकस परियोजना के तीसरे पक्ष के आकलन ने राज्य में अन्य विकास कार्यक्रमों की तुलना में सकारात्मक परिणाम दिखाए। उन्होंने विभागों से परिसंपत्तियों का पूर्ण उपयोग करने, उनके उपयोग को बढ़ाने और भविष्य की कृषि और आजीविका परियोजनाओं में सीखे गए सबक को एकीकृत करने का आग्रह किया। उन्होंने परियोजना के दौरान विकसित संसाधन व्यक्तियों और विशेषज्ञों को नयी टीम में शामिल किए जाने के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि चल रही और आगामी पहलों के लिए उनका लाभ उठाया जाना चाहिए। आलम ने स्वीकार किया कि हस्तांतरित परिसंपत्तियों को बनाए रखने में विभागों को संभावित चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन परियोजना के प्रभाव को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध प्रयास करने का उन्होंने आह्वान किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान सहयोग और समर्थन के लिए सभी भागीदार विभागों और टीमों को धन्यवाद दिया। फोकस के बाद के चरण में विभागों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों पर एक प्रस्तुति जेंडर और कम्युनिटी इंस्टीट्यूशंस के प्रबंधक ह्राविन डेविड द्वारा दी गयी। 30 जून से एमओए के प्रभावी होने के साथ संबंधित विभाग परिसंपत्तियों के प्रबंधन, स्केलिंग और रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं, जिससे फोकस-नागालैंड परियोजना आधिकारिक तौर पर समाप्त हो जाती है और इसकी विरासत को जारी रखने के लिए आधार तैयार होता है।