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Mahakumbh : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का ऐतिहासिक स्नान, संगम में लगाई डुबकी

महाकुंभ का महत्व बढ़ाया

नई दिल्ली  -  सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु तीर्थराज प्रयागराज पहुंचीं और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद दोनों संगम क्षेत्र पहुंचे। राष्ट्रपति यहां आठ घंटे से ज्यादा समय तक रुकेंगी। संगम में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान कर उन्होंने अपनी आस्था व्यक्त की। यह उनके लिए एक खास और ऐतिहासिक पल था। स्नान के बाद वे अक्षयवट के दर्शन और पूजा के लिए भी जाएंगी, जिससे धार्मिक आस्था और मजबूत होगी।

राष्ट्रपति का यह दौरा न सिर्फ प्रयागराज के लिए खास है, बल्कि पूरे देश के श्रद्धालुओं के लिए भी प्रेरणादायक है। उनकी उपस्थिति से महाकुंभ का धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व और बढ़ गया है। राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए प्रयागराज में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इससे पहले, भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई थी।

बड़े हनुमान मंदिर भी जाएंगी राष्ट्रपति

सनातन संस्कृति में अक्षयवट को अमरता का प्रतीक माना जाता है और इसका महत्व हिंदू धर्म ग्रंथों में भी बताया गया है। राष्ट्रपति इसके दर्शन के बाद बड़े हनुमान मंदिर भी जाएंगी, जहां वे पूजा-अर्चना कर देशवासियों की खुशहाली और समृद्धि की प्रार्थना करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की धार्मिक आयोजनों को आधुनिक और डिजिटल युग से जोड़ने की पहल को राष्ट्रपति का समर्थन मिलेगा।

वे डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का भी दौरा करेंगी, जहां टेक्नोलॉजी के जरिए महाकुंभ मेले की जानकारी श्रद्धालुओं को दी जा रही है। इस केंद्र को देश-विदेश के भक्तों के लिए खास तौर पर बनाया गया है, ताकि वे इस भव्य आयोजन को करीब से महसूस कर सकें। राष्ट्रपति शाम 5:45 बजे प्रयागराज से वापस दिल्ली रवाना होंगी।

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