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बहावलपुर में आतंकवादियों के अड्डे में जा घुसा भारत का ब्रह्मोस

ऑपरेशन सिंदूर: मलबे में बदला जैश का हेडक्वार्टर

नई दिल्ली : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत की सेना ने न केवल आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त किया, बल्कि पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली की कमजोरियों को भी सामने रख दिया है। ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती और उसके सफल हमले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत की मारक क्षमता अब दुश्मनों के लिए अजेय चुनौती है।भारतीय सेना ने न केवल पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों को सफलतापूर्वक कुचल दिया, बल्कि शहरों में उसके सैन्य बुनियादी ढांचे को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया है। सबसे बड़ी कामयाबी बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय पर सटीक हमले के रूप में सामने आई है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस हमले में ब्रह्मोस एयर लॉन्च क्रूज मिसाइल (एएलसीएम) का इस्तेमाल किया गया, जिसे एसयू-30एमकेआई फाइटर जेट से लॉन्च किया गया था।

ब्रह्मोस से हुई एयर स्ट्राइक के मिले साक्ष्य

राजस्थान के बीकानेर सेक्टर में ब्रह्मोस मिसाइल का बूस्टर और नोज कैप मिलने से स्पष्ट संकेत मिलता है कि इस हमले में ब्रह्मोस का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया। ये दोनों हिस्से आमतौर पर लॉन्च के तुरंत बाद अलग हो जाते हैं, जिससे यह पुष्टि होती है कि मिसाइल ने लक्ष्य को भेद दिया है।

ब्रह्मोस को रोकने में नाकाम रहा पाक

भारतीय सेना ने बहावलपुर, सियालकोट और पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय पर हुआ हमला सबसे बड़ी सफलता है। हमले में ब्रह्मोस एएलसीएम का उपयोग होने की संभावना जताई गयी। पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली एक बार फिर ब्रह्मोस को रोकने में नाकाम रही।

बहावलपुर में सबसे बड़ा हमला

सबसे महत्वपूर्ण हमलों में से एक बहावलपुर में हुआ, जो जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह का मुख्यालय है। मिले अवशेषों और हमले की सटीकता इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन में ब्रह्मोस के इस्तेमाल का संकेत देते हैं, जो पाकिस्तान की अपने आतंकी ढांचे को ढालने की क्षमता को झटका देता है।

ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत

ब्रह्मोस की रेंज 450 किलोमीटर से अधिक है। अपने विस्तारित रेंज वर्जन में यह 800 किमी तक टेस्ट किया जा चुका है। इसकी गति सुपरसोनिक – एमएसीएच 2.8 से 3.0 तक है। इसे भूमि, समुद्र, पनडुब्बी और वायु से लॉन्च किया जा सकता है। इसकी सटीकता ऐसी है कि यह सीधे दुश्मन देश के एयर डिफेंस को चकमा देकर टारगेट को बर्बाद कर देता है। इसमें एडवांस गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है। इसका पेलोड 200–300 किलोग्राम उच्च विस्फोटक वारहेड ले जाने में सक्षम है।

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