नई दिल्ली - भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े तनाव के बाद शनिवार को आखिरकार युद्धविराम की घोषणा कर दी गई, और फिलहाल दोनों देशों की सीमाओं पर स्थिति शांत बनी हुई है। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का इंडियन एक्सप्रेस में छपा एक लेख काफी चर्चा में आ गया है।
अपने लेख में की पीएम मोदी की तारीफ
अपने कॉलम में पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की युद्ध नीति की सराहना करते हुए भारत द्वारा पाकिस्तान को दिए गए जवाब को "समझदारी भरा और संतुलित" करार दिया है। उन्होंने लिखा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में बदले की मांग तेज हो गई थी, लेकिन सरकार ने सोच-समझकर सीमित सैन्य प्रतिक्रिया दी और एक बड़े युद्ध की संभावना को टाल दिया।
पी. चिदंबरम ने अपने लेख में कहा कि भारत की सैन्य कार्रवाई सीमित और रणनीतिक रूप से नियोजित थी, जिसका मकसद आतंकवादी संगठनों के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना था। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले को विवेकपूर्ण करार देते हुए कहा कि भारत ने व्यापक युद्ध से बचते हुए अंतरराष्ट्रीय स्थिरता को महत्व दिया, जो एक जिम्मेदार और सोच-समझकर उठाया गया कदम था।
पीएम मोदी के किन शब्दों की तारीफ की?
अपने लेख में पी. चिदंबरम ने 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कही गई बात—"यह युद्ध का युग नहीं है"—का हवाला दिया। उन्होंने लिखा कि मोदी के ये शब्द आज भी वैश्विक स्तर पर याद किए जाते हैं और यही कारण है कि कई देशों ने भारत से व्यक्तिगत रूप से युद्ध से बचने की अपील की। चिदंबरम ने यह भी रेखांकित किया कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं, और यदि पूर्ण युद्ध होता, तो इसका असर केवल इन दो देशों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह वैश्विक अस्थिरता को जन्म देता। रूस-यूक्रेन और इजरायल-गाजा के संघर्षों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक हालात में दुनिया एक और युद्ध को सहन करने की स्थिति में नहीं है।