नयी दिल्ली : वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) भारत को अस्थायी रूप से शुल्क बढ़ाने या रियायतें निलंबित करने की अनुमति देता है, अगर ब्रिटिश आयात में अचानक वृद्धि से घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचता है। भारत-ब्रिटेन एफटीए पर 24 जुलाई को लंदन में हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते में द्विपक्षीय सुरक्षा उपाय शामिल हैं। यह भारत को कुछ वस्तुओं पर शुल्क अस्थायी रूप से बढ़ाने या शुल्क रियायतों को निलंबित करने की अनुमति देता है, अगर ब्रिटेन से आयात में उल्लेखनीय वृद्धि से भारतीय घरेलू उद्योगों को गंभीर नुकसान पहुंचता है या इसका खतरा होता है।
मंत्रालय ने कहा कि इस समझौते के तहत द्विपक्षीय सुरक्षा उपाय की अवधि शुरू में दो वर्ष तक है। यदि जांच से यह पता चलता है कि गंभीर क्षति को रोकने या उसका समाधान करने तथा घरेलू उद्योग के लिए समायोजन को सुगम बनाने के लिए सुरक्षा उपाय की अब भी आवश्यकता है, तो इस अवधि को अतिरिक्त दो वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है। बताया गया कि इस प्रकार, किसी द्विपक्षीय सुरक्षा उपाय की कुल अधिकतम अवधि चार वर्ष है। इसके अलावा, यदि कोई द्विपक्षीय सुरक्षा उपाय केवल दो वर्षों के लिए लागू किया जाता है, तो किसी भी देश को जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। लेकिन यदि इस उपाय को चार वर्षों तक बढ़ा दिया जाता है, तो देशों को जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार होगा। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि घरेलू उद्योग को अपूरणीय क्षति से बचाने के लिए गंभीर या आपातकालीन स्थितियों में अस्थायी उपाय अपनाए जा सकते हैं। प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर इन्हें 200 दिनों तक के लिए लागू किया जा सकता है, लेकिन इसके बाद पूरी जांच होनी चाहिए।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को ‘क्रांतिकारी’ करार देते हुए कहा कि इससे किसानों, युवाओं, एमएसएमई क्षेत्र और उद्योग सहित भारत के हर वर्ग को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारत अपने 99 प्रतिशत निर्यात को शुल्क-मुक्त रूप से ब्रिटेन भेज सकेगा। व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता भी कहे जाने वाले भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की उपस्थिति में गोयल और उनके समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स ने हस्ताक्षर किए। यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोयल ने एफटीए पर हस्ताक्षर करने में भारत की सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को देते हुए कहा, “यह एक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला समझौता है।”