नीमच (मप्र) मध्यप्रदेश के नीमच में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सीआरपीएफ के 86वें स्थापना दिवस समारोह में पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत के केवल 4 जिलों तक सीमित नक्सलवाद को अगले वर्ष 31 मार्च तक समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पशुपतिनाथ से तिरुपति तक लाल आतंक फैलाने का सपना देखने वाले नक्सली आज सिर्फ 4 जिलों तक सीमित हैं। इसमें सबसे बड़ा योगदान सीआरपीएफ का है। देश में खतरा (नक्सलवाद का) 31 मार्च 2026 तक समाप्त हो जाएगा जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है। शाह ने कहा कि सीआरपीएफ के 2,264 जवानों ने देश की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया और कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने सीआरपीएफ को इस मिशन की ‘रीढ़’ बताते हुए कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और सीआरपीएफ खासकर इसकी कोबरा बटालियन देश से नक्सलवाद को खत्म करने में बड़ी भूमिका निभा रही है। ‘कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन’ (कोबरा) सीआरपीएफ की एक विशेष इकाई है जो छापामार और जंगल युद्ध में अपनी दक्षता के लिए जानी जाती है, खासकर नक्सल खतरे का मुकाबला करने के लिए।
शाह ने कहा कि सीआरपीएफ ने नक्सल प्रभावित इलाकों में 400 से अधिक अग्रिम संचालन अड्डे स्थापित किए हैं। इसकी वजह से इन क्षेत्रों में हिंसा में 70 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है और हम अब इसे समाप्त करने के करीब हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा में सीआरपीएफ का योगदान अतुलनीय है, चाहे कश्मीर घाटी में आतंकवादियों से लड़ने की बात हो, पूर्वोत्तर में शांति सुनिश्चित करने की बात हो या कट्टर नक्सलियों को आज सिर्फ चार जिलों तक सीमित करने की बात हो। उन्होंने कहा कि इन सभी उपलब्धियों में सीआरपीएफ जवानों की अहम भूमिका रही है। कोई भी किताब उनकी बहादुरी, कर्तव्य की भावना और साहस के साथ न्याय नहीं कर सकती।