कोहिमा : नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने सभी भवन निर्माण परमिटों, विशेष रूप से नागालैंड के भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों में, के लिए भू-तकनीकी रिपोर्ट अनिवार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
कोहिमा में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए शहरी और स्थानीय लचीलेपन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए नेफ्यू रियो ने राज्य में किसी भी बुनियादी ढाँचे के विकास से पहले मिट्टी के आकलन के महत्व पर जोर दिया। नागालैंड के जटिल, युवा और भूगर्भीय रूप से अस्थिर भूभाग का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षित और टिकाऊ निर्माण प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए भू-तकनीकी रिपोर्ट ‘नितांत आवश्यक’ है। उन्होंने स्थानीय पार्षदों से उचित मिट्टी की जांच के बिना किसी भी विकास परियोजना को मंजूरी देने से बचने का आग्रह किया। नेफ्यू रियो ने आपदा से निपटने की क्षमता और शहरी सुरक्षा बढ़ाने के लिए राज्य के सभी शहरों में कार्यान्वित की जाने वाली निर्माण परियोजनाओं की यूएलबी के नेतृत्व में जांच का भी आह्वान किया। गौरतलब है कि मंगलवार को लचीले शहरी प्रशासन की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री रियो ने राज्य भर के शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) से आपदा जोखिम न्यूनीकरण में सक्रिय नेतृत्व करने का आग्रह किया। रियो ने उन्हें जीवन, बुनियादी ढांचे और पर्यावरण के ‘अग्रिम रक्षक’ बताते हुए प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न बढ़ते जोखिमों को कम करने में नगरपालिका अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। मुख्यमंत्री कोहिमा में शहरी और स्थानीय लचीलेपन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह प्रशिक्षण नागालैंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनएसडीएमए), गृह विभाग द्वारा संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय (यूएनडीआरआर), अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एवं प्रबंधन संस्थान (आईआईएसएसएम) और राज्य के शहरी विकास एवं नगर मामलों के विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया था। रियो ने कहा, ‘आप केवल प्रशासक नहीं हैं - आप रक्षा की पहली पंक्ति हैं।’ सुरक्षा मानकों को बनाए रखने और भवन निर्माण मानदंडों को लागू करने की नगरपालिका अधिकारियों की जिम्मेदारी को रेखांकित करते हुए उन्होंने याद दिलाया कि नागालैंड भूकंपीय क्षेत्र 5 में आता है, जो सबसे संवेदनशील श्रेणी है। उन्होंने ढांचागत सुरक्षा में लापरवाही के प्रति आगाह किया। रियो ने कहा, ‘भवन निर्माण परमिट पर आपके हस्ताक्षर किसी की जान बचा सकते हैं। आपकी सतर्कता मानव निर्मित आपदा को रोक सकती है।’ बार-बार आने वाली बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं- खासकर चुमौकेदिमा, निउलैंड, दीमापुर मार्केट, किसामा और पिफेमा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने अनियमित विकास, कमजोर अवरोधक दीवारों और अवरुद्ध जल निकासी प्रणालियों को प्रमुख चिंताओं के रूप में उद्धृत किया। उन्होंने ट्रांस-एशियन राजमार्ग संख्या 1 के हिस्से, दीमापुर-कोहिमा राजमार्ग की खराब स्थिति की ओर भी ध्यान दिलाया और नाज़ुक ज़मीन पर निर्माण और योजना की कमी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। रियो ने भवन निर्माण उपनियमों के सख्ती से पालन और अवैध निर्माणों, खासकर बाढ़ के मैदानों और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों में, के प्रति शून्य सहनशीलता का आह्वान किया। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जहां आवश्यक हो, वहां काम रोकने के नोटिस जारी करें और असुरक्षित ढांचों को ध्वस्त करें। किसी भी बुनियादी ढांचे की मंजूरी से पहले अनिवार्य मृदा परीक्षण और भू-तकनीकी आकलन- विशेषकर राष्ट्रीय राजमार्ग-29 और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों को ‘असंवैधानिक’ घोषित किया गया। मानसून की तैयारियों को बेहतर बनाने के लिए रियो ने शहरी स्थानीय निकायों को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (डीडीएमए), पुलिस, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर काम करने की सलाह दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि मानसून पूर्व निरीक्षण, जल निकासी की सफ़ाई और मलबा हटाना नियमित प्रक्रिया होनी चाहिए, न कि प्रतिक्रियात्मक प्रतिक्रियाएं। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर भी मुख्य ध्यान दिया गया, जिसमें मुख्यमंत्री ने बारिश के दौरान जल प्रदूषण से बचने के लिए, विशेष रूप से निचले इलाकों में, कचरा संग्रहण और सुरक्षित निपटान को तेज करने का आग्रह किया। बुनियादी ढांचे के संबंध में उन्होंने शहरी स्थानीय निकायों को भूस्खलन-प्रवण गलियारों पर विशेष ध्यान देते हुए सड़कों, पुलों और पुलियों की संरचनात्मक अखंडता का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। रियो ने भूविज्ञान एवं खनन विभाग और एनएसडीएमए के साथ मिलकर संवेदनशील ढलानों का मानचित्रण करने और बोल्डर नेटिंग जैसे सुरक्षात्मक उपायों को लागू करने की भी सिफारिश की। सामुदायिक भागीदारी पर भी समान रूप से जोर दिया गया, जिसमें मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक घोषणाओं, एसएमएस अलर्ट और सोशल मीडिया का उपयोग करके बाढ़ सुरक्षा, स्वच्छता, पूर्व चेतावनी प्रणालियों और आपातकालीन प्रोटोकॉल पर जागरूकता अभियानों को प्रोत्साहित किया। स्वास्थ्य क्षेत्र में उन्होंने जलजनित रोगों के प्रति सतर्कता और संभावित प्रकोपों के लिए त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र का आह्वान किया। रियो ने कहा, ‘जब आप एक नाला साफ करते हैं तो आप एक दुकानदार की जान बचाते हैं। जब आप भवन निर्माण कानूनों को लागू करते हैं, तो आप एक बच्चे के भविष्य की रक्षा करते हैं।’ रियो ने पार्षदों से नौकरशाही की भूमिकाओं से आगे बढ़कर जन सुरक्षा के सच्चे संरक्षक बनने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रशिक्षण पहल शहरी स्थानीय निकायों को एक लचीली और उत्तरदायी शहरी प्रबंधन प्रणाली बनाने के लिए आवश्यक उपकरण और ज्ञान से लैस करेगी। उन्होंने अंत में कहा, ‘आइए हम नागालैंड को एक लचीले पर्वतीय राज्य का आदर्श बनाने के लिए आगे आएं।’