शिवमोगा (कर्नाटक) : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कर्नाटक के शिवमोगा में देश के दूसरे सबसे लंबे केबल-आधारित सिगंदूर पुल का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने तो शिरकत की, लेकिन राज्य मंत्रिमंडल का कोई भी सदस्य इसमें शामिल नहीं हुआ।
अधिकारियों के अनुसार, जिले के सागरा तालुक में अंबरगोडलु-कलासवल्ली के बीच ‘शरावती बैकवाटर’ पर बने इस पुल का निर्माण 472 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इस पुल से सागरा से सिगंदूर के आसपास के गांवों की दूरी काफी कम होने की उम्मीद है, जो चौदेश्वरी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, वरिष्ठ भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा सहित अन्य लोग शामिल हुए। हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया या उनके किसी भी मंत्री ने इस कार्यक्रम में भाग नहीं लिया। हाल में सिद्धारमैया ने गडकरी से 14 जुलाई को शिवमोगा के सागरा तालुका में पुल के उद्घाटन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह को यह कहकर स्थगित करने का अनुरोध किया था कि उन्हें पहले से सूचित नहीं किया गया था। विजयपुरा जिले के इंडी तालुका की अपनी निर्धारित यात्रा का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने गडकरी को लिखे एक पत्र में कहा था कि यह अधिक उपयुक्त होता अगर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इस तरह के कार्यक्रम को निर्धारित करने से पहले राज्य सरकार के साथ परामर्श करता और उन्होंने उनसे इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि उसी दिन विजयपुरा जिले के इंडी तालुका में उनकी अध्यक्षता में विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का उद्घाटन कार्यक्रम पहले से ही निर्धारित है इसलिए परिवहन मंत्रालय के लिए राज्य-स्तरीय कार्यक्रमों को निर्धारित करने से पहले राज्य सरकार के साथ परामर्श करना अधिक उपयुक्त होता।