पेरिस : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दुनिया के लगभग सभी देशों पर जबरन टैरिफ थोपे जाने के बीच उनके अहम सहयोगी फ्रांस ने भी विरोध करने का मन बनाया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका के साथ हुई हालिया व्यापार वार्ता को लेकर कहा कि उस वार्ता में ईयू को पर्याप्त गंभीरता और ताकत के साथ पेश नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अमेरिका से अगली वार्ता में यूरोप को अधिक सख्ती दिखानी होगी जिसमें फ्रांस सबसे आगे होगा। मैक्रों शनिवार को अपनी सरकार के कैबिनेट को संबोधित कर रहे थे।
15 प्रतिशत टैरिफ पर बनी थी सहमति : बताया गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच हुई वार्ता के बाद यह करार हुआ। समझौते के अनुसार, अब यूरोपीय संघ के अधिकांश निर्यात पर अमेरिका में 15 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। यह दर ट्रंप-पूर्व स्तर से अधिक है, लेकिन प्रस्तावित 30 प्रतिशत से कम है। इस डील के तहत यूरोपीय संघ ने अमेरिका से तीन वर्षों में 750 अरब डॉलर मूल्य की तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG), तेल और परमाणु ईंधन खरीदने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अलावा, अमेरिका में 600 अरब डॉलर के निवेश की भी योजना है। मैक्रों ने इसे संभावनाओं वाला समझौता बताया, जो निकट भविष्य के लिए स्थिरता देगा और फ्रांसीसी-यूरोपीय निर्यात हितों को संरक्षित करेगा।