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जानते हैं आप : आलू के ‘ मां-बाप ’ कौन ?

वैज्ञानिकों ने ढूंढा आलू-टमाटर का पूरा कुनबा

लंदन : अगर आपसे कोई सवाल करे कि आलू की मां कौन? तो आप क्या जवाब देंगे? संभवत: आप कहेंगे कि आलू की मां आलू ही होगी और कौन, ये भी कोई सवाल हुआ। किंतु वैज्ञानिकों ने आलू के पूरे खानदान का पता लगा दिया है। मजे की बात यह है कि आलू की मां के बारे में सुनकर आप हैरान रह जाएंगे और एकबारगी तो भरोसा भी नहीं कर पाएंगे, क्योंकि उन दोनों की शक्ल-सूरत व गुण आदि पूरी तरह अलग है। एक नए अध्ययन से सामने आया है कि टमाटर से ही आलू का विकास हुआ था। करीब 90 लाख साल पहले अमेरिका में यह चमत्कार हुआ था।

इस अध्ययन को ‘सेल’ नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया और इसे शेनजेन में कृषि जीनोमिक्स संस्थान के शोधकर्ताओं ने पूरा किया। इसके मुताबिक, दक्षिण अमेरिका में जंगली टमाटरों और आलू जैसे पौधों के बीच प्राकृतिक प्रजनन ने लगभग 90 लाख साल पहले आलू को जन्म दिया था। आलू को विकसित करने के लिए एंडीज में उगने वाले जंगली टमाटरों को एटुबेरोसम नामक पौधे के साथ संकरण नामक प्रक्रिया के माध्यम से मिलाया गया था। चीन के कृषि जीनोमिक्स संस्थान के प्रो. सानवेन हुआंग ने इस अध्ययन का नेतृत्व किया था। उन्होंने बताया, ‘आलू की मां टमाटर है और एट्यूबरोसम पिता। हालांकि, शुरुआत में यह बात स्पष्ट नहीं थी।’ जमीन के ऊपर आलू के पौधे बिलकुल एट्यूबरोसम जैसे ही दिखते हैं। हालांकि, उन्हें ऊपर खींचने पर ही फर्क दिखाई देता है। एट्यूबरोसम के भूमिगत तने पतले होते हैं और उसमें आलू के समान स्टार्च युक्त कंद नहीं मौजूद होते हैं।

ऐसे किया गया अध्ययन

शोधकर्ताओं की टीम ने खेती वाले आलुओं के 450 जीनोम और जंगली प्रजातियों के 56 जीनोम का विश्लेषण किया था। कंदों को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने टमाटर की जांच की। वैसे तो इस सब्जी में कंद नहीं होते, फिर भी इसकी आनुवंशिक संरचना आश्चर्यजनक रूप से आलू जैसी होती है। हुआंग ने कहा, ‘ये बैंगन जैसे एक ही वनस्पति परिवार से संबंधित हैं। हालांकि, टमाटर, आलू और एट्यूबरोसम आनुवंशिक रूप से सबसे समान हैं।’

ऐसे होता है आलू का विकास

कंद बनाने के लिए 2 जीन जरूरी होते हैं। इनमें से पहला है एसपी6ए, जो टमाटर में पाया जाता है। वहीं दूसरा है आईटी1, जो एट्यूबरोसम में मौजूद होता है। दोनों में से कोई भी जीन आलू की उपज के लिए अकेले पर्याप्त नहीं है। जब ये दोनों मिलते हैं तो एक शक्तिशाली प्रक्रिया शुरू होती है, जो भूमिगत तनों को स्टार्चयुक्त और स्वादिष्ट कंदों में बदल देती है। और इस तरह बनते हैं सबके पसंदीदा आलू।

खुद नए पौधे बनाते हैं आलू

आलू को अपने माता-पिता से जींस का एक स्थिर मिश्रण विरासत में मिला है। अध्ययन से सामने आया कि आलू में लगभग 60 प्रतिशत एट्यूबरोसम के और 40 प्रतिशत टमाटर के जींस मौजूद होते हैं। इसके कंद ऊर्जा संग्रहित करते हैं, जिससे यह सर्दी या सूखे से बच जाता है और बिना बीजों के भी प्रजनन कर पाता है। आलू के कंदों पर उगने वाली कलियों से ही नए पौधे उग जाते हैं।


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