बेंगलुरु : कर्नाटक में अनुसूचित जातियों की गणना सोमवार को शुरू हुई, जो 17 मई तक चलेगी। इस प्रक्रिया का दूसरा चरण 19 से 21 मई के बीच आयोजित किया जाएगा और इस चरण के तहत पहले चरण में छूट गए लोगों के लाभ के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए तीसरा चरण भी 19 मई से शुरू होगा और यह 23 मई तक चलेगा। जो लोग अपने शहरों से बाहर रह रहे हैं, वे इसका लाभ उठा सकते हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच एन नागमोहन दास के नेतृत्व में एक-सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है। उन्हें अनुसूचित जातियों की सूची में उप-कोटा पर स्पष्ट रिपोर्ट देने का काम सौंपा गया है। उनके अनुसार, आयोग को 60 दिन में अपनी रिपोर्ट देनी है। इस कवायद पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और 65,000 शिक्षकों को गणना कर्मी के रूप में शामिल किया जाएगा। इस कवायद का उद्देश्य अनुसूचित जाति सूची में 101 जातियों पर अनुभवजन्य डेटा तैयार करना है।
उन्होंने कहा कि ‘‘पंजाब सरकार एवं अन्य बनाम देवेंद्र सिंह एवं अन्य’’ के मामले में एक अगस्त, 2024 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले में अनुसूचित जाति के भीतर उप-वर्गीकरण की संवैधानिकता को बरकरार रखा गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर हमने न्यायमूर्ति नागमोहन दास आयोग का गठन किया है। सिद्धरमैया ने कहा कि कुछ अनुसूचित जातियों की स्थिति में विसंगतियां हैं।