कोल्लम/ अलाप्पुझा : केरल अपतटीय क्षेत्र में लाइबेरियाई मालवाहक जहाज के डूबने के बाद उसमें रखे कंटेनर अब बहकर यहां तट पर आने लगे हैं और प्राधिकारियों ने लोगों से उन कंटेनर से दूर रहने की अपील की है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि दक्षिणी कोल्लम और तटीय अलाप्पुझा जिलों के तटों पर कुछ कंटेनर पाए गए हैं।
पुलिस ने कहा कि तट पर बहकर आए कंटेनर की कुल संख्या अभी तक ज्ञात नहीं है और प्राधिकारी स्थिति को संभालने के लिए काम कर रहे हैं। प्रभावित सभी क्षेत्रों में पुलिस तैनात कर दी गयी है। खबरों के अनुसार, कोल्लम और अलाप्पुझा जिलों के तटों पर अब तक 10 कंटेनर देखे गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि जहाज में कुल 640 कंटेनर थे, जिनमें से 13 कंटेनर में खतरनाक सामग्री है। तट के पास समुद्र में रविवार सुबह मालवाहक जहाज पलटने के बाद डूब गया, जिससे भारी मात्रा में तेल रिसाव हुआ है। करीब तीन कि.मी. प्रति घंटे की गति से तेल के बहने के कारण पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है क्योंकि यह पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील केरल के तटीय क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है।
लदे थे डीजल और फर्नेस ऑयल के कंटेनर
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के अनुसार, डूबे हुए जहाज के टैंकों में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन ‘फर्नेस ऑयल’ था। अधिकारियों ने बताया कि कुछ कंटेनर में कैल्शियम कार्बाइड जैसे खतरनाक पदार्थ रखे हुए थे, जो समुद्री जल के साथ प्रतिक्रिया करके अत्यधिक ज्वलनशील एसिटिलीन गैस उत्सर्जित करता है। आईसीजी प्रदूषण रोकने से जुड़े कार्य का समन्वय कर रहा है और तेल रिसाव के फैलाव पर निगरानी रख रहा है। इस बीच, तिरुवनंतपुरम जोन के मुख्य सीमा शुल्क आयुक्त कार्यालय ने कहा है कि जहाज पर मौजूद कुल 643 कंटेनर में से 73 कंटेनर खाली थे और 13 में खतरनाक सामग्री लदी हुई थी। बयान में कहा गया, ‘घटना के समय जहाज पर मौजूद सभी सामग्री पर शुल्क नहीं चुकाया गया था और ऐसे सामान को अनधिकृत रूप से हटाना या उठाना अवैध है।’ बयान में कहा गया है कि केरल तट पर सीमा शुल्क समुद्री और निवारक इकाइयों को तैनात किया गया है जबकि अन्य एजेंसियों से समन्वय कर निगरानी की जा रही है। इसमें कहा गया है, ‘आम जनता को दृढ़तापूर्वक सलाह दी जाती है कि वे किसी भी तैरते हुए या समुद्र तट पर पड़े कंटेनर या मलबे के पास न जाएं, इन कंटेनर में खतरनाक पदार्थ हो सकते हैं।’