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अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर पीएम मोदी का संदेश, वन्यजीव प्रेमियों को भारत आने का आमंत्रण

कूनो और गांधी सागर में पनप रहे चीते, पीएम मोदी ने संरक्षण प्रयासों और चीता पर्यटन की बढ़ती लोकप्रियता पर जताई खुशी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘प्रोजेक्ट चीता’ खोई हुई पारिस्थितिक विरासत को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है और उन्होंने वन्यजीव प्रेमियों से आग्रह किया कि वे चीतों को उनकी पूरी भव्यता में देखने के लिए भारत आएं। अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने सभी वन्यजीव प्रेमियों और संरक्षणवादियों को शुभकामनाएं दीं, जो पृथ्वी के सबसे विलक्षण जीवों में से एक चीता की रक्षा के लिए समर्पित हैं।

प्रोजेक्ट चीता के 3 वर्ष पूरे

मोदी ने कहा, ‘‘तीन साल पहले हमारी सरकार ने इस शानदार पशु की सुरक्षा और उस पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट चीता शुरू किया था जिसमें यह सचमुच फल-फूल सके। यह खोई हुई पारिस्थितिक विरासत को पुनर्जीवित करने और हमारी जैव विविधता को मजबूत करने का भी एक प्रयास था।’’ उन्होंने कहा कि भारत को गर्व है कि वह कई चीतों का घर है और बड़ी संख्या में चीते भारतीय धरती पर पैदा हुए हैं, उनमें से कई अब कूनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर अभयारण्य में पनप रहे हैं।

चीता पर्यटन की लोकप्रियता में वृद्धि

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘चीता पर्यटन की लोकप्रियता में भी वृद्धि देखकर खुशी हो रही है। मैं दुनिया भर के वन्यजीव प्रेमियों को भारत आने और चीते को उसकी पूरी भव्यता में देखने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीता संरक्षण में हमारी प्रगति केवल हमारे लोगों विशेषकर हमारे समर्पित ‘चीता मित्रों’ के सामूहिक समर्थन से ही संभव हो पाई है।’’

वन्यजीवों की रक्षा जरुरी

मोदी ने कहा, ‘‘वन्यजीवों की रक्षा करना और प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर रहना भारत के सभ्यतागत लोकाचार का अभिन्न अंग है और हम आज इन प्रयासों में उस भावना को जीवित देखते हैं।’’ अधिकारियों ने बताया कि चीते को उसके प्राकृतिक आवास में पुनः स्थापित करने के भारत के महत्वाकांक्षी प्रयास एक आशाजनक चरण में प्रवेश कर गए हैं, तथा जनसंख्या वृद्धि, आवास विस्तार और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है।

कब-कब लाए गए चीते

मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में कुल 20 चीते लाए गए। इनमें सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ और फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए। अधिकारियों ने बताया कि चीतों को फिर से लाए जाने पर कई लोगों को संदेह था लेकिन अब ये संदेह गलत साबित हुए हैं। दिसंबर 2025 में अभी तक भारत में 32 चीतों की एक समृद्ध आबादी है, जिनमें से 21 भारत में जन्मे शावक हैं।

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