लखनऊ - इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ताओं के लिए चैंबर और मल्टी लेवल पार्किंग का उद्घाटन करने के बाद सीजेआई बीआर गवई ने कहा, "यह खुशी की बात है कि सीजेआई बनने के बाद मैंने जो पहला कार्यक्रम प्रयागराज में अटेंड किया, वह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। मेघवाल जी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ शक्तिशाली सीएम हैं, मैं कहना चाहता हूं कि प्रयागराज शक्तिशाली लोगों की भूमि है। यहां आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। इस तरह के उद्घाटन से हम सभी के लिए गर्व की बात है। इलाहाबाद हाईकोर्ट एक बहुत ही अनुशासित बार है। मोतीलाल नेहरू, जेएल नेहरू और कई अन्य जैसे उल्लेखनीय कानूनी दिग्गज यहां आए थे। महादेवी वर्मा, हरिवंश राय बच्चन, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला आदि कई साहित्यकार भी यहां से आए हैं। पूरा भारत चंद्रशेखर आजाद के बलिदान का सम्मान करता है।"
चीफ जस्टिस बीआर गवई ने किया उद्घाटन
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई इन दिनों प्रयागराज में मौजूद हैं। शनिवार को उन्होंने हाईकोर्ट परिसर में नवनिर्मित एडवोकेट चैंबर और मल्टीलेवल पार्किंग का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए। इससे पहले शुक्रवार शाम चीफ जस्टिस प्रयागराज पहुंचे थे, जहां मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने उनका स्वागत किया। मुख्य न्यायाधीश के साथ सुप्रीम कोर्ट के आठ अन्य न्यायाधीश भी प्रयागराज पहुंचे हैं। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अधिवक्ताओं के चैंबर आवंटन के लिए बने ऑनलाइन पोर्टल का रिमोट से उद्घाटन भी किया।
क्या बोले केंद्रीय कानून मंत्री ?
पूरे निर्माण कार्य की विस्तृत जानकारी प्रोजेक्टर के जरिए प्रस्तुत की गई। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का इतिहास बेहद सम्मानजनक और गौरवपूर्ण रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रदेश की जिला अदालतों की आधारभूत संरचना पर भी इसी तरह ध्यान दिया जाना चाहिए और उन्हें भी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाए। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने इलाहाबाद बार एसोसिएशन की सराहना करते हुए कहा कि इस नई बिल्डिंग का पूरी तरह से सदुपयोग किया जाए।
केंद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि देश इस समय अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती मना रहा है। न्यायिक ढांचे का विकास होना चाहिए — यही अहिल्याबाई का संदेश रहा है। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस का आदर्श अहिल्याबाई से सीखा जा सकता है। संविधान लागू हुए 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं और भारत में शासन और प्रशासन की व्यवस्था सफलतापूर्वक काम कर रही है। साथ ही उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए कहा कि 21वीं सदी भारत की होगी, यह उनका विश्वास था।