नयी दिल्ली : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने के लिए राज्य सरकारों के तीन उप-समूहों के गठन का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि उनका राज्य इस राष्ट्रीय आकांक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 10वीं शासी परिषद की बैठक में शनिवार को चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति की है। इस दौरान भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया और अब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख ने डिजिटल इंडिया, जीएसटी, स्टार्टअप इंडिया, पीएम गति शक्ति और जल जीवन मिशन सहित परिवर्तनकारी सुधारों का उल्लेख किया और कहा कि इन सुधारों ने भारत के विकास परिदृश्य को फिर से परिभाषित किया है। एक आधिकारिक बयान में नायडू के हवाले से कहा गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत की मजबूत वैश्विक स्थिति साबित हुई और सही समय पर सही नेतृत्व का होना राष्ट्र को उसके महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की ओर ले जाने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने केंद्र सरकार और नीति आयोग के सहयोग से राज्यों के तीन उप-समूहों का प्रस्ताव रखा, ताकि विकसित भारत की दिशा में प्रगति को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। जीडीपी वृद्धि पर केंद्रित पहला उप-समूह पीपीपी (सार्वजनिक निजी भागीदारी) वाली परियोजनाओं को व्यवहारिक बनाने के लिए वित्त पोषण के समर्थन के साथ विनिर्माण, निर्यात और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखेगा। जनसंख्या प्रबंधन पर दूसरा उप-समूह भारत को उम्रदराज होती आबादी और कम प्रजनन जैसी भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयारी करते हुए जनसंख्या संबंधी लाभ लेने में मदद करेगा। तीसरा उप-समूह वास्तविक समय में और जन केंद्रित प्रशासन के लिए एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, ड्रोन और डिजिटल मंच का उपयोग करते हुए प्रौद्योगिकी आधारित संचालन पर ध्यान केंद्रित करेगा। नायडू ने कहा, ‘राज्य उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे, समान विकास और सशक्त नागरिकों के साथ 2047 तक विकसित भारत और 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की राष्ट्रीय आकांक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।’