सांकेतिक तस्वीर 
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नागालैंड विश्वविद्यालय के डीन पर मामला दर्ज

आपूर्तिकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप

कोहिमा : सीबीआई ने नागालैंड विश्वविद्यालय के एक डीन पर एक विक्रेता से 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और वनस्पति विज्ञान विभाग को उपकरण और यूपीएस बैटरियां आपूर्ति करने वाले अन्य लोगों को परेशान करने का मामला दर्ज किया है, एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि नागालैंड विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के विज्ञान संकाय के डीन, वरिष्ठ प्रोफेसर, चित्तरंजन देब पर संस्थान को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने और खुद को आर्थिक लाभ पहुंचाने के पूर्वनिर्धारित इरादे से विभिन्न भ्रष्ट और अवैध गतिविधियों में लिप्त होने का मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में कहा गया है, ‘डॉ. चित्तरंजन देब के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 7 के तहत एक नियमित मामला दर्ज किया गया है और मामले की जांच सीबीआई, एसीबी, गुवाहाटी को सौंपी गयी है।’ सीबीआई के एक सूत्र ने बताया कि इससे पहले कुछ विक्रेताओं ने डॉ. चित्तरंजन देब को एटीएम मशीनों और बैंक खातों के जरिए रिश्वत दी थी क्योंकि उन्होंने नागालैंड विश्वविद्यालय को विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति में उनका पक्ष लिया था। सीबीएल, एसीबी गुवाहाटी द्वारा 12 जुलाई को दर्ज की गयी प्राथमिकी में कहा गया है कि डॉ. चित्तरंजन देब विभिन्न बोलीदाताओं और कंपनियों को वैज्ञानिक उपकरणों और उपभोग्य सामग्रियों की आपूर्ति के ऑर्डर अनुचित लाभ या रिश्वत लेकर अनुकूल रूप से देने से संबंधित गलत कार्यों में शामिल थे। सीबीआई ने कहा कि एक सूत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार, डॉ. देब ने असम के जोरहाट स्थित मेसर्स जलधारा एंड कंपनी के रवींद्र कुमार जैन से कई मौकों पर 5 लाख रुपये के आपूर्ति ऑर्डर, जो पहले ही वितरित हो चुके थे, और जैन से खरीदे जा रहे 23 लाख रुपये के उपकरण/ उपभोग्य सामग्रियों के बदले में अनुचित रिश्वत की मांग की थी। सीबीआई सूत्र ने आगे बताया कि डॉ. चित्तरंजन देब ने यूपीएस बैटरियों और अन्य वस्तुओं की आपूर्ति के ऑर्डर देने के मामले में असम के जोरहाट स्थित सीएस पावर सॉल्यूशंस के गुलजार हुसैन से भी रिश्वत की मांग की थी। सीबीआई को सूचित किए जाने के बाद कि डॉ. चित्तरंजन देब 12 जुलाई को जैन से 2 लाख रुपये की रिश्वत लेने के लिए जोरहाट जा रहे हैं, प्राथमिकी दर्ज की गयी। सूत्र ने आगे बताया कि डॉ. देब ने उसी दिन 15,000 रुपये की रिश्वत लेने के लिए गुलजार हुसैन से मिलने की भी योजना बनाई थी।

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