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दिल्ली में भाजपा सरकार के 19-20 फरवरी तक शपथ लेने की संभावना

नयी सरकार स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, बेहतर नागरिक बुनियादी ढांचे को देगी प्राथमिकता

नयी दिल्ली : दिल्ली में भाजपा सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 19 या 20 फरवरी को होने की संभावना है और नयी सरकार अन्य चीजों के अलावा स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, बेहतर नागरिक बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता देगी।
भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्रा से वापस आ रहे हैं और जल्द ही भाजपा विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। राजौरी गार्डन से विधायक और मुख्यमंत्री या मंत्री पद के दावेदार माने जा रहे सिरसा ने कहा, ‘नयी सरकार 19-20 फरवरी के आसपास काम करना शुरू कर देगी।’ सिरसा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भाजपा विधायक दल की बैठक 18-19 फरवरी के आसपास होगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद 20 फरवरी तक नई सरकार का गठन हो जाएगा।’
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए किसी भी तरह की होड़ के संबंध में नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों ने कहा कि ऐसी बातें केवल मीडिया द्वारा की जा रही अटकलें हैं। लक्ष्मी नगर सीट से दूसरी बार विधायक बने अभय वर्मा ने कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए कोई होड़ नहीं है। हमारी पार्टी में विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री या विधायक दल के नेता का चुनाव होता है।’ पूर्वांचली नेता वर्मा को भी दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में माना जा रहा है। वर्मा ने कहा, ‘हम लोगों की सेवा करने आए हैं और अब विकास, स्वच्छ जल आपूर्ति और लोगों के लिए स्वच्छ हवा जैसे मुद्दों के साथ-साथ यमुना को प्रदूषण से मुक्त करने के बारे में सोच रहे हैं।’ भाजपा विधायकों ने कहा कि प्रधानमंत्री के वादे के अनुसार, आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा ‘बाधित’ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना को नयी कैबिनेट की पहली बैठक में दिल्ली में लागू किया जाएगा। सिरसा ने कहा कि स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना, शहर में स्वच्छता सुनिश्चित करना और वायु और यमुना प्रदूषण से निपटने के लिए काम शुरू करना, सत्ता में आने के 100 दिनों के भीतर नयी सरकार की प्राथमिकताएं होंगी।
छठी बार विधायक बने मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री 48 भाजपा विधायकों में से चुना जाएगा। मुस्तफाबाद के विधायक ने निर्वाचन क्षेत्र का नाम बदलकर ‘शिव विहार’ या ‘शिव पुरी’ करने का अपना प्रस्ताव भी दोहराया। बिष्ट ने कहा, ‘एक समुदाय (अल्पसंख्यक) के करीब 42 प्रतिशत लोग हैं और दूसरी ओर 58 प्रतिशत लोग (हिंदू) हैं इसलिए, जनता की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए।’

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