भुवनेश्वर : बीजू जनता दल (बीजद) के नेता एवं भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के पार्षद अमरेश जेना को राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में उनके खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले में रविवार को बालासोर जिले से गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने बताया कि भुवनेश्वर में बीजद नेता अमरेश जेना के खिलाफ लक्ष्मीसागर थाने में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 64 (2) (बलात्कार), 89 (महिला की अनुमति के बिना उसका गर्भपात कराना), 296 (अश्लील कृत्य) और 352 (आपराधिक धमकी) के अलावा पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पीड़िता ने लक्ष्मीसागर थाने में बुधवार को इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। चूंकि अमरेश जेना अपने घर और शहर में नहीं थे तथा उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था तो पुलिस ने एक विशेष दल का गठन किया और फरार बीजद नेता की तलाश शुरू की। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विशेष दस्ते ने बालासोर के नीलगिरि क्षेत्र में ब्रह्मपुर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव से जेना को अंतत: गिरफ्तार कर लिया। इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जेना नीलगिरि इलाके में जंगल के पास स्थित एक गांव में इस इरादे से रुके थे कि अगर पुलिस ने छापा मारा तो वह जंगल में भाग जाएंगे लेकिन बेहद गोपनीय तरीके से अभियान चलाए जाने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए। अमरेश जेना की गिरफ्तारी के तुरंत बाद बीजद ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया, ‘भुवनेश्वर नगर निगम के पार्षद अमरेश जेना को बीजद से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।’ बीजद की भुवनेश्वर इकाई के अध्यक्ष अशोक पंडा ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि जेना के निलंबन का पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जैसे ही जेना को गिरफ्तार किया, बीजद ने तुरंत कार्रवाई की। अशोक पंडा ने कहा, ‘बीजद महिला समर्थक अपनी विचारधारा पर कायम है। जेना की गिरफ्तारी से बीजद को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा। यह हजारों कार्यकर्ताओं और नेताओं वाली एक बड़ी पार्टी है। वह एक अभियुक्त हैं और कानूनी प्रक्रिया से गुजरेंगे।’
बीजद पार्षद के पांच सहयोगी भी गिरफ्तार
पुलिस ने शनिवार रात बीजद पार्षद के पांच सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। इसने शनिवार मध्यरात्रि जारी एक बयान में कहा, ‘अमरेश जेना को शरण देने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।’ पुलिस ने कहा कि इन पांचों लोगों ने जेना को वाहन उपलब्ध कराया और गिरफ्तारी से बचने में उनकी मदद की। इसने बताया कि गिरफ्तार किए गए पांचों व्यक्ति खुर्दा एवं जगतसिंहपुर जिलों के विभिन्न इलाकों के रहने वाले हैं तथा उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। लक्ष्मीसागर थाने में 19 वर्षीया युवती ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें पार्षद पर उससे बलात्कार करने, जबरन गर्भपात कराने, धोखा देने और धमकी देने का आरोप लगाया गया है। पीड़िता (19) ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि जब वह 17 वर्ष की थी तब पार्षद ने शादी का झूठा वादा करके उसका यौन शोषण किया और उसे गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया। जेना ने पहले कहा था कि वह ‘निर्दोष’ हैं और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें ‘फंसाया’ है।