चंडीगढ़ : पंजाब की शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार 7 अप्रैल से शुरू होने वाले 54 दिवसीय शिक्षा महोत्सव ‘शिक्षा क्रांति’ के शुभारंभ के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके तहत राज्यभर के 12,000 सरकारी स्कूलों में 2,000 करोड़ रुपये की लागत से बने नए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा। पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने रविवार को पंजाब भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस पहल की घोषणा की, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार की समान और आधुनिक शिक्षा प्रणाली वाला वातावरण सृजित करने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, ताकि विद्यार्थियों को वर्तमान युग की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया जा सके।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकारी स्कूलों के रख-रखाव पर प्रतिवर्ष 200 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। बैंस ने कहा कि ‘शिक्षा क्रांति’ के पहले दिन, कैबिनेट मंत्रियों और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा 350 से अधिक सरकारी स्कूलों में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और ‘आप’ पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया शहीद भगत सिंह नगर में स्कूल ऑफ एमिनेंस का उद्घाटन करेंगे।उन्होंने कहा कि यह व्यापक बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रम सरकारी स्कूलों में आधुनिक शिक्षा सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से नए कमरों के निर्माण और नवीनतम शैक्षणिक तकनीकों पर केंद्रित है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह पहल मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की राज्य के सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मान के निर्देशों अनुसार सरकारी स्कूलों को सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं जैसे कि स्वच्छ पीने का पानी, हाई-स्पीड वाई-फाई कनेक्शन, लड़कियों और लड़कों के लिए अलग शौचालय, डेस्क-कुर्सियाँ और चारदीवारी से सुसज्जित किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब देश का पहला राज्य है जहां स्कूलों में कैंपस मैनेजर और सुरक्षा गार्ड नियुक्त किए गए हैं तथा विद्यार्थियों के लिए बस सेवा भी शुरू की गयी है। वर्तमान में 10,000 से अधिक विद्यार्थी इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं।