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अगस्ता वेस्टलैंड धनशोधन मामला : क्रिश्चन मिशेल जेम्स की याचिका खारिज

जाने क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चन मिशेल जेम्स की एक याचिका गुरुवार को खारिज कर दी, जिसमें उसने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती दी थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेम्स को 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड धनशोधन मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद उस पते का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था, जहां वह रहना चाहता है। मामले में कथित बिचौलिये जेम्स ने उच्च न्यायालय के 2022 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उसकी जमानत शर्तों में संशोधन किया गया था। याचिका न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय कुमार के पीठ के समक्ष पेश की गयी थी। पीठ ने जेम्स के वकील से कहा कि हम आपको जमानत दे चुके हैं और आप पता बताने जैसी एक शर्त तक पूरी नहीं करना चाहते।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश जेम्स के पक्ष में था। वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय ने जेम्स को आवासीय पते का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जहां वे रिहाई के बाद रहना चाहते हैं। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि निचली अदालत जेम्स के जेल से रिहा होने से पहले प्रवर्तन निदेशालय के माध्यम से उक्त पते का सत्यापन करायेगी। वकील ने कि ब्रिटिश नागरिक जेम्स पिछले साढ़े छह साल से तिहाड़ जेल में हैं। उनका कोई स्थानीय पता नहीं है। जेम्स तब तक यह शर्त पूरी नहीं कर सकते, जब तक जेल से बाहर नहीं आ जाते। पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि तिहाड़ जेल में आपका स्थायी पता है, आप वहीं रहो।

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