चंडीगढ़/ अमृतसर : देश की आजादी के 70 वर्षों बाद पंजाब के सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का काम मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार को मिला है, इस दिशा में स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, आधुनिक प्रायोगिक प्रयोगशालाएं, खेल मैदान और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से विद्यार्थियों को समय के अनुकूल शिक्षा प्रदान की जा रही है। कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने बुधवार को जंडियाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सात विभिन्न स्कूलों की इमारतों के उद्घाटन के दौरान यह बातें कही।
हरभजन सिंह ईटीओ ने बताया कि सरकारी एलीमेंट्री स्कूल धीरकोट में चारदीवारी, आंगनबाड़ी कक्ष और नये कमरों के निर्माण पर 20.13 लाख रुपये, सरकारी मिडिल स्कूल धीरकोट में चारदीवारी और नये शौचालय पर 2.70 लाख रुपये, सरकारी एलीमेंट्री स्कूल गहरी में नये कक्ष और शौचालय पर 12.37 लाख रुपये, सरकारी एलीमेंट्री स्कूल भंगवां में चारदीवारी, आंगनबाड़ी कक्ष, आरओ सिस्टम और नये कमरों के निर्माण पर 20.63 लाख रुपये, सरकारी मिडिल स्कूल भंगवां में छत की मरम्मत पर 2.36 लाख रुपये, सरकारी हाई स्कूल टांगरा में चारदीवारी, नये कक्ष, पुस्तकालय, आर्ट एंड क्राफ्ट रूम और इंटरलॉकिंग टाइल्स पर 48.62 लाख रुपये लागत से कार्य किया जाएगा और सरकारी एलीमेंट्री स्कूल टांगरा में स्वच्छ जल, शौचालय और नये कमरों के निर्माण पर 47.20 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्रांति केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि सरहदी क्षेत्रों के स्कूलों को भी बेहतर आधारभूत ढांचा प्रदान किया जा रहा है। स्कूलों में आवश्यकतानुसार स्मार्ट क्लासरूम, इंटरनेट सुविधा, साफ-सुथरे शौचालय, बेहतर फर्नीचर और खेल मैदान विकसित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी एलीमेंट्री कंवलजीत सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी हरभंगवंत सिंह, डिप्टी डीईओ. अंजू बाला, चेयरमैन गुरबिंदर सिंह, चेयरमैन शनाख सिंह तथा बड़ी संख्या में ग्रामीणों, पंच-सरपंचों, स्कूल के बच्चे और उनके अभिभावक उपस्थित थे। इस मौके पर उपस्थित बच्चों के माता-पिता ने सरकार के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि अब उनके बच्चों को निजी स्कूलों से बेहतर शिक्षा सरकारी स्कूलों में मुफ्त मिल रही है, जहां न तो कोई फीस ली जाती है और न ही किताबों का कोई खर्च होता है।
कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर पिछली सरकारों ने स्कूलों की ओर ध्यान दिया होता, तो आज की सरकार को बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने की बजाय आधुनिकीरण के और बेहतर कार्य करने का अवसर मिलता। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें केवल विरोध करना जानती थीं। अगर उन्होंने सरहदी इलाकों के स्कूलों की दशा सुधारी होती तो आज पंजाब को शिक्षा क्रांति की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में शुरुआत से ही गंभीरता से काम कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ और ‘आम आदमी क्लीनिक’ जैसी योजनाएं सफलता से चल रही हैं, जहां मरीजों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं।