नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शनिवार को ‘इंडिया जापान फोरम 2025’ में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधन दिया। यह द्विपक्षीय मंच अनंत आस्पेन सेंटर और भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है।
वैश्विक बदलाव और साझा हित
डॉ. जयशंकर ने अपने संबोधन में वैश्विक शक्ति संतुलन में हो रहे तेज बदलावों, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की चुनौतियों और दोनों देशों के साझा हितों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज का दौर अनिश्चितताओं से भरा है, ऐसे में भारत और जापान जैसे समान विचारों वाले देशों का सहयोग और मजबूत करना जरूरी है।
रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई
फोरम में सप्लाई चेन की मजबूती, महत्वपूर्ण तकनीकी सहयोग, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और रक्षा सह-उत्पादन जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। दोनों देश क्वाड (Quad) ढांचे में भी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। जापान भारत का सबसे विश्वसनीय रणनीतिक साझेदारों में से एक है और दोनों के बीच विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी (Special Strategic and Global Partnership) लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है।
2018 से निरंतर संवाद
भारत-जापान फोरम की शुरुआत 2018 में हुई थी। तब से हर साल यह आयोजन दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय नीतिगत संवाद का महत्वपूर्ण मंच बना हुआ है। इस बार के सत्र में जापानी विदेश मंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों, उद्योगपतियों और थिंक-टैंक विशेषज्ञों ने भी हिस्सा लिया।
व्यक्तिगत जुड़ाव और गर्मजोशी
डॉ. जयशंकर की पत्नी क्योको जयशंकर जापानी मूल की हैं, इसलिए उनका जापान से व्यक्तिगत और भावनात्मक जुड़ाव भी रहा है। फोरम के दौरान उनके साथ जापानी समकक्षों के साथ हंसी-मजाक और गर्मजोशी भरे पल भी कैमरे में कैद हुए। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे दोनों देशों की बढ़ती नजदीकी का प्रतीक बताया।
मजबूत होती दोस्ती
कुल मिलाकर इंडिया जापान फोरम 2025 ने एक बार फिर साबित किया कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत और जापान एक-दूसरे के सबसे भरोसेमंद साझेदार हैं। दोनों देश आर्थिक, तकनीकी और सामरिक क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने के लिए कटिबद्ध हैं।