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150 लोगों को होली के लिए बंधक बनाने के मामले में दोषी 4 छात्र नेता संस्थान से निष्कासित

शासकीय होलकर विज्ञान महाविद्यालय की घटना

इंदौर (मध्य प्रदेश) : इंदौर के एक प्रतिष्ठित महाविद्यालय में होली के कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिलने पर इस संस्थान की महिला प्राचार्य और प्राध्यापकों समेत 150 लोगों को बंधक बनाए जाने के दोषी पाए गए चार छात्र नेताओं को इस संस्थान से निष्कासित कर दिया गया है। महाविद्यालय की एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
शासकीय होलकर विज्ञान महाविद्यालय की प्राचार्य अनामिका जैन ने बताया कि संस्थान की अनुशासन समिति ने इस मामले में चार छात्र नेताओं को निष्कासित कर दिया है और उनसे कहा गया है कि वे संस्थान से अपने स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की जांच में चारों छात्र नेता गंभीर अनुशासनहीनता के दोषी पाए गए थे। अधिकारियों ने प्रशासन की जांच रिपोर्ट के हवाले से बताया, ‘विद्यार्थियों ने महाविद्यालय के परिसर में होली उत्सव मनाने के पोस्टर प्राचार्य की अनुमति के बिना 23 फरवरी को लगाए थे। इन पोस्टर को प्राचार्य के निर्देश पर हटाया गया था।’ रिपोर्ट के मुताबिक, पोस्टर हटाए जाने के विरोध में चार छात्र नेताओं की अगुवाई में किए गए प्रदर्शन के दौरान 24 फरवरी को महाविद्यालय के यशवंत हॉल का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया गया और हॉल की बिजली आपूर्ति भी काट दी गयी थी। जांच रिपोर्ट में इस कृत्य को गंभीर अनुशासनहीनता करार दिया गया था और महाविद्यालय की अनुशासन समिति से चारों छात्र नेताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अनुशंसा की गयी थी। अधिकारियों ने बताया कि छात्र नेताओं ने महाविद्यालय के यशवंत हॉल का दरवाजा जब बाहर से बंद किया, तब उसमें करीब 150 लोगों की एक बैठक चल रही थी। इस बैठक में महाविद्यालय के प्राध्यापकों और अन्य कर्मचारियों के साथ प्राचार्य भी मौजूद थीं और हॉल में मौजूद लोग विद्यार्थियों के भारी हंगामे के कारण करीब आधे घंटे तक इसमें कैद रहे थे।
महाविद्यालय में ‘होलकर का होली फेस्ट’ नामक कार्यक्रम आगामी 7 मार्च को आयोजित किया जाना था। इसमें ‘लाइव डीजे’ और ‘रेन डांस’ का भी इंतजाम था। इस कार्यक्रम को सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली एक निजी कोचिंग क्लास ने प्रायोजित किया था। कार्यक्रम के लिए प्रति व्यक्ति 150 रुपये का शुल्क तय किया गया था। होलकर विज्ञान महाविद्यालय की स्थापना इंदौर के तत्कालीन शासक शिवाजी राव होलकर ने 1891 में की थी। इसकी गिनती मध्य भारत के सबसे पुराने विज्ञान महाविद्यालयों में होती है।

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