साझा अभियान में नक्सलियों की तलाश जारी 
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छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर 1 करोड़ के इनामी सहित 24 नक्सली मारे गये

सुरक्षा बलों के 'चक्रव्यूह' में फंसे 60 नक्सली, मुठभेड़ जारी
गरियाबंद : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में कम से कम 24 नक्सलियों को मार गिराया है। इनमें से 16 के शव और हथियार मिल चुके हैं। इस दौरान शीर्ष नक्सली नेता और 1 करोड़ का इनामी जयराम उर्फ चलपति भी मारा गया।
गरियाबंद के पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा ने मंगलवार को बताया कि ओडिशा के नुआपाड़ा जिले की सीमा से महज 5 किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ के कुल्हाड़ी घाट रिजर्व वन में माओवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर 19 जनवरी की रात को डीआरजी, सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ से कोबरा और ओडिशा से विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने साझा अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि सोमवार को अभियान के दौरान दो महिला नक्सलियों को मार गिराया गया। इसके बाद छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर ही मैनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत भालू डिग्गी में सोमवार देर रात और मंगलवार सुबह फिर से गोलीबारी हुई, जिसमें 24 से ज्यादा नक्सली मारे गये।
भालू डिग्गी जंगल में घिरे नक्सली
भालू डिग्गी जंगल का यह इलाका बेहद दुर्गम है। यहां पहाड़ है और कोई रास्ता नहीं है। पहाड़ में 3 किलोमीटर सीधी चढ़ाई के बाद जवानों का सामना करीब 60 नक्सलियों से हुआ। पहले सुरक्षा बलों ने 15-20 किलोमीटर के इलाके को घेर कर रखा था। वहीं अब नक्सली 3 किलोमीटर के दायरे में सिमट गये हैं। भालू डिग्गी के जंगल में 1000 जवानों ने करीब 60 नक्सलियों को घेरा हुआ है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार वहां मौजूद जवानों की मदद के लिए 200 जवानों की बैकअप पार्टी भेजी गयी है और साथ ही ड्रोन से नजर रखी जा रही है। इस मुठभेड़ में एक जवान घायल हुआ है, जिसे एअरलिफ्ट करके रायपुर लाया गया।
ड्रोन का इस्तेमाल मददगार साबित हुआ
रिपोर्ट के अनुसार जवानों ने ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिससे नक्सलियों को निशाना बनाने में काफी मददगार मिली। पुलिस अधीक्षक राखेचा ने बताया कि मृतकों में से एक की पहचान जयराम उर्फ चलपति के रूप में हुई है, जो भाकपा (माओवादी) का केंद्रीय समिति सदस्य था और उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम था।
नक्सलवाद को करारा झटका : शाह
इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है। नक्सल मुक्त भारत के हमारे संकल्प और हमारे सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से आज नक्सलवाद अपनी अंतिम सांस ले रहा है।

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