कोलकाता : पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में आज शनिवार को महत्वपूर्ण त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए मतदान के दौरान कम से कम नौ लोग मारे गए हैं। इस चुनाव को टीएमसी और बाकी दलों के लिए 2024 के संसदीय चुनावों से पहले बहुत महत्वपूर्ण चुनाव बताया गया है। यह चुनाव राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को नया आकार दे सकता है। अधिकारियों ने बताया कि मारे गए लोगों में तृणमूल के पांच सदस्य, भाजपा, वाम और कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता और एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक शामिल थे। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सुरक्षा का जिम्मा संभाले केंद्रीय बलों पर "भारी विफलता" का आरोप लगाया। हिंसक झड़पों में कई लोगों के घायल होने के अलावा, कम से कम दो मतदान केंद्रों पर मतपेटियां लूट ली गईं।
लगातार हो रही हिंसक घटनायें
राज्य में लगभग 5.67 करोड़ लोग 22 जिला परिषदों, 9,730 पंचायत समितियों और 63,229 ग्राम पंचायतों की लगभग 928 सीटों के लिए प्रतिनिधियों को चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं। 8 जून को पंचायत चुनावों की घोषणा हुई थी। उसके बाद से ही पूरे बंगाल से व्यापक हिंसा की खबरें आ रही हैं।
तृणमूल कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या
हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले के कपसडांगा इलाके में टीएमसी कार्यकर्ता बाबर अली की हत्या कर दी गई। जब उन्हें बहरामपुर के मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल लाया गया तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिले के रेजीनगर में एक क्रूड बम विस्फोट में एक टीएमसी कार्यकर्ता की मौत हो गई। जिले के खारग्राम में एक और तृणमूल कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या कर दी गई।
अस्पताल में दम तोड़ दिया
शनिवार को कूचबिहार जिले के फलीमारी में अज्ञात बदमाशों ने भाजपा के पोलिंग एजेंट माधव विश्वास की गोली मारकर हत्या कर दी। पूर्वी बर्दवान जिले के औसग्राम के एक सीपीआई (एम) कार्यकर्ता, रजिबुल हक ने कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दम तोड़ दिया। झड़प में घायल होने के बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था।