कोलकाता : पूर्वी भारत की अग्रणी डायग्नोस्टिक श्रृंखलाओं में से एक, सुरक्षा क्लिनिक एंड डायग्नोस्टिक्स ने 'जेनेटिक्स और प्रजनन स्वास्थ्य में प्रगति' विषय पर एक ज्ञानवर्धक वैज्ञानिक सत्र का आयोजन किया। इस अवसर पर प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने प्रीनेटल, पोस्टनेटल और प्री-इंप्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग के विकसित होते परिदृश्य पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम में डॉ. माइकल रिचर्डसन, सीनियर डायरेक्टर (APAC), Yourgene Health ने Yourgene Health NIPT और कन्फर्मेटरी टेस्टिंग डेवलपमेंट पर चर्चा की। वहीं डॉ. शिन युए चैन, प्रोडक्ट स्पेशलिस्ट (Reproductive Health), APJ, Thermo Fisher Scientific ने प्रीनेटल और पोस्टनेटल जेनेटिक विश्लेषण में CytoMicroArray के उपयोग पर अपने अनुभव साझा किए। इसके अतिरिक्त, श्री एलेन रिको, सीनियर प्रोडक्ट मैनेजर, LSG, Thermo Fisher Scientific ने PGT-A (Preimplantation Genetic Testing for Aneuploidy) की वर्तमान प्रक्रियाओं और भविष्य की संभावनाओं पर प्रस्तुति दी।
डॉ. सोमनाथ चटर्जी, चेयरमैन और जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, सुरक्षाक्लिनिक एंड डायग्नोस्टिक्स ने कहा कि “प्रजनन जीनोमिक्स ने मातृ और भ्रूण स्वास्थ्य की तस्वीर को पूरी तरह बदल दिया है। उन्नत जीनोमिक टूल्स और विशेषज्ञ साइटोजेनेटिक व्याख्या के माध्यम से सटीक निदान और बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य परिणाम सुनिश्चित किए जा रहे हैं।”
समाचार के अनुसार भारत में करीब 7 करोड़ लोग दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित हैं, जिनमें 50-70% बच्चे शामिल हैं। वर्ष 2025 में भारत की जन्मदर लगभग 2.5 करोड़ प्रतिवर्ष है और हर 850 में से एक शिशु डाउन सिंड्रोम से प्रभावित होता है। प्रीनेटल जेनेटिक टेस्टिंग (NIPT) के माध्यम से मातृ खून के नमूने से भ्रूण के डीएनए का विश्लेषण कर ट्रायसोमी 21, 13 और 18 जैसी विकृतियों का जल्दी पता लगाया जा सकता है। IVF में PGT-A के माध्यम से भ्रूण में गुणसूत्र असामान्यताओं की जांच कर सफलता और स्वस्थ जन्म की संभावना बढ़ाई जाती है।
आधुनिक डायग्नोस्टिक विज्ञान ने जेनेटिक्स के माध्यम से दुर्लभ बीमारियों की पहचान और निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत में NIPT और PGT-A जैसी तकनीकों की बढ़ती मांग के साथ ही प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार की संभावनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं।
सुरक्षाक्लिनिक एंड डायग्नोस्टिक्स 1992 से अग्रणी डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान कर रहा है, जिसमें 2,300 से अधिक जांच, 8 सैटेलाइट लैब्स, 59 डायग्नोस्टिक सेंटर और 166 सैंपल कलेक्शन सेंटर शामिल हैं। कंपनी AI-सक्षम स्मार्ट लैब्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अपनाकर स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार को बढ़ावा दे रही है।