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हावड़ा निगम चुनाव की उलझन सुलझाने की तैयारी

विधानसभा में संशोधन विधेयक लाया जा सकता है

मेघा, सन्मार्ग संवाददाता

हावड़ा : हावड़ा नगर निगम चुनाव को लेकर वर्षों से चली आ रही कानूनी उलझन को सुलझाने के लिए नवान्न ने ठोस कदम उठाया है। राज्य सरकार हावड़ा नगर निगम अधिनियम, 1980 में एक बार फिर संशोधन लाने की तैयारी कर रही है, ताकि वार्ड संख्या को लेकर उत्पन्न कानूनी बाधा दूर कर जल्द से जल्द नगर निगम चुनाव कराया जा सके। नवान्न सूत्रों के अनुसार, हावड़ा नगर निगम से जुड़े इस मामले में विधि विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। आगामी विधानसभा सत्र में संशोधन विधेयक पेश कर इसे पारित कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस पहल को लेकर हाल में राज्य कैबिनेट ने अपनी मंजूरी भी दे दी है। प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि संशोधन लागू होते ही लंबे समय से अटके पड़े हावड़ा नगर निगम चुनाव के रास्ते से बड़ी कानूनी अड़चन हट जाएगी।

दरअसल, वर्ष 2015 में बाली नगरपालिका को हावड़ा नगर निगम में शामिल किया गया था। इसके बाद हावड़ा नगर निगम के वार्डों की संख्या 50 से बढ़कर 66 कर दी गई और उसी अनुरूप अधिनियम में संशोधन किया गया। लेकिन 2021 में बाली को फिर से अलग नगरपालिका घोषित कर दिया गया, जिससे हावड़ा नगर निगम के वार्डों की संख्या घटकर दोबारा 50 रह गई। इसे कानूनी रूप देने के लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक तो पारित हो गया, लेकिन वह लंबे समय तक किसी कारण राजभवन में लंबित रहा। इस बीच राज्य सरकार ने दीर्घकालिक डिलिमिटेशन प्रक्रिया के जरिए 50 वार्डों को पुनर्गठित कर 66 वार्ड बना दिए। उस समय हावड़ा के नागरिकों को उम्मीद जगी थी कि अब नगर निगम चुनाव जल्द होंगे। लेकिन कुछ महीने पहले जब राजभवन ने लंबित विधेयक को मंजूरी दे दी, तो स्थिति फिर उलझ गई। कारण यह था कि डिलिमिटेशन के तहत वार्ड संख्या 66 हो चुकी थी, जबकि कानूनी तौर पर वह फिर से 50 मानी जाने लगी। इसी विरोधाभास को खत्म करने के लिए राज्य सरकार 1980 के हावड़ा नगर निगम अधिनियम में नया संशोधन ला रही है। प्रशासन का कहना है कि यदि यह संशोधन विधेयक विधानसभा से पारित होकर राजभवन की शीघ्र स्वीकृति पा जाता है, तो हावड़ा नगर निगम चुनाव कराने में कोई कानूनी अड़चन नहीं बचेगी। सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है— सभी कानूनी बाधाओं को दूर कर ताकि हावड़ा में जल्द से जल्द चुनाव प्रक्रिया हो सके।

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